केन्द्र सरकार ने बांस के चारकोल से निर्यात प्रतिबंध हटाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने बांस के चारकोल पर से निर्यात प्रतिबंध हटा लिया है। सरकार के इस निर्णय से कच्चे बांस का अधिकतम उपयोग हो सकेगा और भारतीय बांस उद्योग को काफी फायदा होगा। दरअसल खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) काफी समय से बांस के चारकोल पर से निर्यात प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहा था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘वैध स्त्रोतों से प्राप्त बांस से बने सभी बांस के चारकोल के निर्यात को अनुमति इस आशय के स्त्रोत संबंधी उपयुक्त उचित दस्तावेज, जो यह प्रमाणित करे कि चारकोल बनाने के लिए उपयोग में लाया गया बांस वैध स्त्रोतों से प्राप्त किया गया है, के आधार पर दी जाती है’। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने इस नीतिगत संशोधन के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस निर्णय से कच्चे बांस की लागत में कमी आएगी और बांस आधारित उद्योग जो कि ज्यादातर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं, को आर्थिक रूप से लाभ होगा। उन्होने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बांस के चारकोल की भारी मांग है और सरकार द्वारा निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने से भारतीय बांस उद्योग इस अवसर का लाभ उठाने और वैश्विक स्तर पर भारी मांग का फायदा उठाने में सक्षम होगा। यह बांस के कचरे का अधिकतम उपयोग भी सुनिश्चित करेगा और इस प्रकार प्रधानमंत्री के कचरे से धन की परिकल्पना को साकार करने में योगदान देगा। भारत में बांस का उपयोग ज्यादातर अगरबत्ती के निर्माण में किया जाता है।
Created On :   20 May 2022 9:40 PM IST