महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव को चुनौती :हाईकोर्ट ने कहा- संस्था का नाम हटाने दायर करो अर्जी

Challenge of indirect election of Mayor: High Court said- file to remove the name of the institution
महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव को चुनौती :हाईकोर्ट ने कहा- संस्था का नाम हटाने दायर करो अर्जी
महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव को चुनौती :हाईकोर्ट ने कहा- संस्था का नाम हटाने दायर करो अर्जी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । नगर पालिका एक्ट में संशोधन कर महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराये जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कड़ा रूख अपनाया। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव तथा जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा कि यह मामला संगठन व एक अन्य की ओर से दायर किया गया है। संगठन का चुनाव प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है। ऐसे में इस मामले से नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का नाम हटाने अर्जी दायर की जाए और उसके बाद ही 11 नवम्बर को रिट याचिका के रूप में उस पर सुनवाई की जाएगी। यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व डॉ. एमए खान की ओर से दायर की गयी है। आवेदकों का कहना है कि पूर्व में महापौर का निर्वाचन पार्षदों द्वारा किया जाता था। तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में साल 1997 में एक्ट में संशोधन किया गया था। जिसके बाद जनता द्वारा महापौर का प्रत्यक्ष रूप से चुनाव करने का अधिनियम पारित किया गया। हाल में ही वर्तमान कांग्रेस सरकार ने एक्ट में संशोधन कर पार्षदों द्वारा महापौर का निर्वाचन करने एक अध्यादेश जारी किया, जो राजनीतिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। विधानसभा में बिना चर्चा किये उक्त निर्णय अध्यादेश जारी किया गया, इसलिए वह खारिज होने योग्य है। मामले पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने इस मामले की सुनवाई जनहित के रूप में किए जाने पर ऐतराज जताते हुए सुनवाई 11 नवम्बर को करने के सशर्त निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी कर रहे हैं।
 

Created On :   19 Oct 2019 9:22 AM GMT

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