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चंद्रकांत पाटील की दोटूक- गृहमंत्री देशमुख का इस्तीफा लेकर ही रहेंगे, लेकिन इस मामले में दर्ज हो गया केस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीनचिट देदी, जिसके बाद विपक्ष जहां देशमुख के इस्तीफे को लेकर आक्रामक हो गया है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष देशमुख के साथ मजबूती से खड़ा दिखाई दे रहा है। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा है कि हम देशमुख का इस्तीफा लेकर रहेंगे। जबकि विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रविण दरेकर देशमुख को मंत्री पद से हटाए जाने की मांग को सोमवार को राजभवन पहुंचे। इस बीच देशमुख पर हर माह 100 करोड़ वसूलने का निर्देश देने का आरोप लगाने वाले पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटील ने कहा कि हम सड़क पर लड़ाई लड़कर देशमुख का इस्तीफा लेकर रहेंगे। सोमवार को पुणे में पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि सिंह का कहना है कि मैंने देशमुख की बातों से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अवगत कराया था। इसलिए इसमें मुख्यमंत्री भी भागीदार हैं। मुख्यमंत्री को भी इस्तीफा देना चाहिए। पाटील ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करने का अधिकार राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी का है। शायद वह केंद्र सरकार को रिपोर्ट लिखते होंगे। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है। हमारी मांग है कि राज्यपाल को इसका संज्ञान लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को रिपोर्ट भेजें। पाटील ने कहा कि प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं में से किसी ने नहीं कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार गिरेगी। लेकिन जो घटना घटी है, वह बुरी है तो उसको बुरा भी नहीं कहें क्या? पाटील ने कहा कि राकांपा अपनी सहयोगी शिवसेना को कमजोर करके एक-एक आदमी की छुट्टी कर रही है। उन्होंने कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे शिवसेना के करीब थे तो उन्हें निलंबित कर दिया गया। शिवसेना के वन मंत्री रहे संजय राठोड का इस्तीफा ले लिया गया, लेकिन राकांपा सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे और गृह मंत्री देशमुख को इस्तीफा देने के लिए नहीकहा। पाटील ने कहा कि आखिर परमबीर सुप्रीम कोर्ट जाने को क्यों मजबूर हुए।
राज्यपाल करें हस्तक्षेपः मुनगंटीवार
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि हम राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं कर रहे हैं पर राज्यपाल को इस परिस्थिति की जानकारी राष्ट्रपति को भेजनी चाहिए। राज्यपाल को एक रिपोर्ट राष्ट्रपति भवन को भेजनी चाहिए। पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों की उच्च स्तरिय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उनसे विनती करेंगे कि राज्य की मौजूदा परिस्थिति की जानकारी राष्ट्रपति को भेजे।भाजपा नेता ने कहा कि परमबीर सिंह के पत्र को गंभीरता से लेने की जरुरत है। इस बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने फिर दोहराया है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
16 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस करना वाला कौन?
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार यह कह कर अनिल देशमुख को क्लिनचिट दे रहे हैं कि 15 से 27 फरवरी के दौरान अनिल देशमुख कोरोना संक्रमित होने की वजह से होम क्वारेंटाईन में थे तो देशमुख इस दौरान एपीआई सचिन वाझे से कैसे मिले? पवार के इस बयान के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने एक वीडियो ट्विट कर पूछा कि फिर 16 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस कर रहे सज्जन कौन हैं। वीडियो में गृहमंत्री देशमुख किसान आंदोलन को लेकर सेलिब्रेटी ट्विट को लेकर पत्रकारों से बातचीत करते दिखाई दे रहे हैं। यह 16 फरवरी का वीडियो है।
परमबीर के पत्र को ठीक से नहीं पढ़े पवार
फडणवीस ने आईपीएस परमबीर सिंह के पत्र के एक अंश को ट्विट करते हुए कहा कि लगता है कि पवार साहब परमबीर के पत्र को सही ठीक ढंग से नहीं पढे। उन्होंने कहा कि पत्र में शामिल एसएमएस संवाद से पता चलता है कि सचिन वाझे और देशमुख की मुलाकात फरवरी के अंत में हुई थी। फडणवीस ने कहा कि आखिर लोगों को भ्रमित कौन कर रहा है?
5 से 15 फरवरी तक नागपुर के अस्पताल में भर्ती थाः देशमुख
शरद पवार से क्लिनचिट मिलने के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को कहा कि कोरोना संक्रमित होने के कारण मैं 5 फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के एनेक्सेस अस्पताल में भर्ती था। 15 फरवरी को घर जाने के लिए अस्पताल से बाहर निकला तो वहां कुछ पत्रकार मुझ से बातचीत के लिए खड़े थे। इस लिए मैने वहीं कुर्सी पर बैठकर उनके सवालों के जवाब दिए। इसके बाद मैं 27 फरवरी तक होम क्वारेंटाईन में रहा। 28 फरवरी 2021 को मैं पहली बार घऱ से बाहर निकला।
कोविड-19 नियमों का उलंघन कर निकाला था मोर्चा, पाटील सहित दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज
उधर चंद्रकांत पाटिल और उनकी पार्टी के 40-50 कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे के अल्का चौक पर एक प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि प्रदर्शन रविवार को राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर किया गया था। इस प्रदर्शन का नेतृत्वपाटिल ने की थी। देशमुख आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पाटिल और 40-50 भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ अवैध रूप से जमा होने, कोविड-19 नियम तोड़ने और भारतीय दंड संहिता व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में तथा मुंबई पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Created On :   22 March 2021 8:21 PM IST