कपास को गुलाबी बोंड इल्लियों से बचाने निकला रथ, किसानों को मार्गदर्शन

Chariot is ran to save the cotton crop from the pink bond worm
कपास को गुलाबी बोंड इल्लियों से बचाने निकला रथ, किसानों को मार्गदर्शन
कपास को गुलाबी बोंड इल्लियों से बचाने निकला रथ, किसानों को मार्गदर्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कपास को बोंडइल्लियों से बचाने की तैयारी प्रशासन ने करते हुए प्रचार रथ के माध्यम से जनजागृति की तैयारी की है। बता दें नागपुर जिसे हिंगना तहसील की मुख्य फसल कपास है। पिछले साल क्षेत्र की कपास की फसल पर गुलाबी बोंड इल्ली के प्रकोप से पूरी फसल बर्बाद हो गई थी। इस साल भी कपास पर इस इल्ली का प्रकोप नजर आया है। इन इल्लियों के प्रकोप से कपास की फसल बचाने के उद्देश्य से जनजागृति प्रचार रथ का शुभारंभ तहसील कृषि विभाग की ओर से  किया गया।

इस प्रचार रथ का शुभारंभ जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी, प्रज्ञा गोडघाटे, उपविभागीय कृषि अधिकारी पी.एन. डाखले, विधायक समीर मेघे, तहसील कृषि अधिकारी एम.पी. परांजपे, मंडल कृषि अधिकारी संजय भगत, एस.बी. मल्हाडे, कृषि पर्यवेक्षक विराग देशमुख, संजय कालसर्पे आदि कर्मचारी प्रमुखता से उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि बारिश नहीं होने के कारण गुलाबी बोंड इल्ली खापरी मोरेश्वर, मांडवघोराड क्षेत्र की कपास की फसलों को बर्बाद कर रही है। फिलहाल इन इल्लियों के प्रकोप की शुरुआत हुई है, इसलिए यह जनजागृति प्रचार रथ हिंगना, वानाडोंगरी, अड़ेगांव, टाकलघाट, कान्होलीबारा, गुमगांव आदि क्षेत्र में जाकर किसानों में जनजागृति करने की तैयारी पर है।

बता दें क्षेत्र में कपास की फसल में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है। पहले किसानों का झुकाव सोयाबीन की फसल पर था। फसल बराबर नहीं होने के चलते किसानों ने फिर से कपास का उत्पादन लेना शुरू किया, लेकिन पिछले दो साल से कपास की फसल पर गुलाबी बोंड इल्लियों के प्रकोप ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। इस साल तहसील में कपास की उत्पादन का क्षेत्र 24 हजार 500 हेक्टर है। पिछले साल इल्लियों के प्रकोप से 17 हजार 500 हेक्टर क्षेत्र प्रभावित हुआ था। 13 हजार 400 किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। नुकसानग्रस्त किसानों को शासन की ओर से 14 करोड़ 91 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई। प्रशासन के इस प्रयास से किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
 
 

Created On :   6 Aug 2018 12:46 PM IST

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