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निजी लग्जरी बसों में स्पीड गवर्नर लगे हैं या नहीं, जांच करे सरकार - हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार इस बात का पता लगाए कि निजी लग्जरी बसों में गति नियंत्रक (स्पीड गवर्नर उपकरण) लगाए जाते हैं कि नहीं। क्योंकि महामार्गो में चलने वाली बसों को देखकर ऐसा महसूस नहीं होता है कि उसमें गति नियंत्रण से जुड़े उपकरण लगे हैं। अदालत ने कहा कि इसमे कोई दो राय नहीं कि निजी बसों से लोगों को राहत मिली है, लेकिन हम चाहते है कि इन बसों में सफर करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस गिरष कुलकर्णी की बेंच ने कहा कि नए वाहनों में तो गति नियंत्रक उपकरण लग रहे है, लेकिन जो वाहन सड़कों पर पहले से हो उनमें उपकरण लगे है की नहीं। इसकी जांच के लिए केंद्र व राज्य सरकार की क्या नीति है? कितनों वाहनों में गति नियंत्रण उपकरण लगे है? इसकी जाकनारी हमे सरकार हलफनामे में दे। क्योंकि बड़े पैमाने पर गैर पंजीकृत वाहन भी सड़कों पर चल रहे हैं।
बड़ी संख्या में ऐसे भी वाहन हैं जिसमे गति नियंत्रक उपकरण नहीं लगे हैं। इसलिए जब वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए आए अथवा पंजीयन के नवीनीकरण के लिए आए तो यह देखा जाए की उसमें गति नियंत्रक उपकरण लगा है कि नहीं। गौरतलब है कि राहत दि सेफ कम्युनिटी फाउंडेशन ने इस विषय में जनहित याचिका दायर की है।याचिका में मांग की है कि सभी वाहनों में गति नियंत्रण लगाने से जुड़े नियम को सख्ती से लागू किए जाने की मांग की है।
Created On :   8 Aug 2018 2:32 PM GMT