छिंदवाड़ा: मोतियाबिंद ऑपरेशन फेल होने से चार मरीजों की गई आंखों की रोशनी, मामला जिला अस्पताल का, परिजनों ने किया हंगामा

Chhindwara: Cataract surgery fails, eyesight of four patients, case of district hospital, family commits uproar
छिंदवाड़ा: मोतियाबिंद ऑपरेशन फेल होने से चार मरीजों की गई आंखों की रोशनी, मामला जिला अस्पताल का, परिजनों ने किया हंगामा
छिंदवाड़ा: मोतियाबिंद ऑपरेशन फेल होने से चार मरीजों की गई आंखों की रोशनी, मामला जिला अस्पताल का, परिजनों ने किया हंगामा



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा किए गए मरीजों के मोतियाबिंद ऑपरेशान के बाद उनकी (मरीजों) आँखों की रोशनी ही चली गई। ऑपरेशन फेल होने के बाद चार मरीज अब देख नहीं पा रहे हैं। मामला प्रकाश में आते ही पूरे महकमे में हड़कंप का माहौल व्याप्त है। वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि ऑपरेशन फेल नहीं हुआ है लगभग 6 सप्ताह बार सभी दिखाई देने लगेगा।
उल्लेखनीय है कि इंदौर के आई हॉस्पिटल में अगस्त माह में मोतियाबिंद ऑपरेशन फेल होने से 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई थी। इस घटना के ठीक एक माह बाद इसी तरह का एक मामला जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में सामने आया है। यहां मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद चार मरीजों को आंखों से दिखाई देना बंद हो चुका है। मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंखों से दिखाई न देने जैसे गंभीर मुद्दे पर अस्पताल प्रबंधन और नेत्र विभाग प्रबंधन ने लापरवाह रवैया अपनाया हुआ है। हालात यह है कि मरीज के परिजन शिकायत लेकर जब अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें सरकारी अस्पताल में अक्सर इस तरह की समस्या आने का हवाला देकर मरीजों को सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय बैरागढ़ भोपाल रेफर कर दिया गया है। आंखों की रोशनी गंवा चुके मरीज और उनके परिजन अब न्याय के लिए भटक रहे हैं।
कब हुआ था ऑपरेशन-
जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में 11 और 19 सितम्बर को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चार मरीज भर्ती किए गए थे। सभी जांचों के बाद 25 सितम्बर को नेत्र रोग विशेषज्ञ ने चारों मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया था। 27 सितम्बर को इन मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। ऑपरेशन के लगभग दो दिन बाद मरीजों की आंखों में दिखाई देना बंद हो गया।
ऑपरेशन बिगडऩे पर हमारी कोई जवाबदारी नहीं-
मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंखों की समस्या से जूझ रही उभेगांव निवासी 65 वर्षीय कलाबाई पति धाम ङ्क्षसह वानखेड़े के नाती रामकुमार ने बताया कि  एक अक्टूबर को नानी कलाबाई को चैकअप के लिए अस्पताल लाया गया था। डॉक्टर ने जांच के बाद कहा कि सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन बिगडऩे पर हमारी कोई जवाबदारी नहीं है। आगे के इलाज के लिए मरीज को भोपाल बैरागढ़ लेकर जाए।
रेटिना पड़ा सफेद, आंखों में संक्रमण-
ऑपरेशन के बाद मरीज की आंखों में एडिमा की समस्या बताई जा रही है। अक्सर ऑपरेशन के बाद मरीज की आंखों में सूजन आती है जो दूसरे दिन ठीक हो जाती है। इन प्रकरणों में मरीजों की आंखों में सूजन और रेटिना सफेद हो गया है। आंखों में संक्रमण से पानी भरना बताया जा रहा है। जिसकी वजह से मरीजों की आंखों सेदिखाई नहीं दे रहा है।   
सीएम हेल्पलाइन में की शिकायत-
मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंखों की रोशनी खो चुकी कलाबाई के नाती रामकुमार ने डॉक्टर की लापरवाही के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की है। रामकुमार का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से उनकी नानी की आंखों की रोशनी चली गई। डॉक्टर पर कार्रवाई होनी चाहिए।
 इन मरीजों ने गंवाई आंखों की रोशनी-
- उभेगांव निवासी 65 वर्षीय कलाबाई पति धाम सिंह वानखेड़े की बायीं आंख सेदिखाई देना बंद हो गया।
- परासिया के नेहरिया निवासी 62 वर्षीय दफेलाल पिता बेनी ढाकरिया की बायीं आंख से दिखाई देना बंद हो गया।
- बीसापुरकला निवासी 50 वर्षीय मुन्ना पिता घंसू चौरे की दायीं आंख से दिखाई देना बंद हो गया है।  
- बताया जा रहा है कि एक अन्य मरीज की भी आंखों से दिखाई देना बंद हो गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
- मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद अक्सर मरीज की आंखों में सूजन की समस्या आती है। इन मरीजों को भी यही समस्या है। मरीजों को किसी प्रकार का संक्रमण नहीं हुआ है। सभी की आंखें स्वस्थ्य है। छह सप्ताह बाद आंखों की सूजन उतरने के बाद आंखों में दोबारा दिखाई देना शुरू हो जाएगा। एहतियात के तौर पर मरीजों को भोपाल रेफर किया गया है ताकि वे सीनियर डॉक्टर से चैकअप करा सके।
- डॉ.भारती बदलानी, नेत्र रोग विशेषज्ञ
- इन सभी मरीजों की जांच की गई है। रेटीना में सफेदी की वजह से आंखों में दिखाई नहीं दे रहा है। सफेदी छंटने के बाद सभी को सामान्य दिखाई देने लगेगा। मरीज को सीनियर डॉक्टर से जांच के लिए रेफर किया गया है।
- डॉ. सीएम गेडाम, प्रभारी, नेत्र विभाग
- मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद यदि मरीज की आंखों मेें परेशानी है तो नेत्र विभाग प्रमुख और विशेषज्ञ से जानकारी ली जाएगी। अभी तक हमारे पर मरीज के परिजन शिकायत लेकर नहीं आए है। फिर भी मामले को गंभीरता से लेकर जांच कराई जाएगी।
- डॉ.परमजीत कौर गोगिया, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

Created On :   1 Oct 2019 5:15 PM GMT

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