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मुख्यमंत्री ने किया ऑनलाइन नए शिक्षा सत्र का शुभारंभ, पहली और दूसरी के बच्चों को मिली छूट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को प्रदेश में नए शैक्षणिक वर्ष का शुभारंभ कर दिया। मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन और डिजिटल माध्यम से विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरू करने की मंजूरी दी है। लेकिन कक्षा पहली और दूसरी के विद्यार्थियों की पढ़ाई ऑनलाइन नहीं होगी। कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन अधिकतम एक घंटे, कक्षा छठवीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों को हर दिन अधिकतम दो घंटे और कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन अधिकतम तीन घंटे ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। डिजिटल पढ़ाई में आवश्यकता के अनुसार ब्रेक देना होगा। विद्यार्थियों को लगातार पढ़ाने से मना किया गया है। जबकि राज्य के उन इलाकों में चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जाएंगे जहां कोरोना का प्रभाव नहीं है।
विदर्भ में 26 जून को बैठक
लॉकडाउन शिथिल होने के बाद चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को शुरू करने के संबंध में स्कूली शिक्षा विभाग ने दिशानिर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक स्कूली शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक बुलाने को कहा है। विदर्भ में स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक 26 जून को बुलाई जाएगी। बैठक में स्कूल शुरू करने की तैयारी पर चर्चा की जाएगी। जबकि शेष महाराष्ट्र के स्कूलों के प्रबंधन समिति की बैठक 15 जून को ही हो गई। स्कूल प्रबंधन समिति की मुख्य सिफारिशों और विशेषज्ञों की सिफारिशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन में स्थित स्कूलों को शुरू करने का अधिकार संबंधित जिलाधिकारी अथवा मनपा आयुक्त को होगा। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई स्कूली शिक्षा विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन और डिजिटल पद्धति से पढ़ाई पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तत्काल शुरू करें। जबकि जहां कोरोना का प्रकोप नहीं ऐसे ग्रामीण और शहरों से दूर स्थित स्कूलों को शुरू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन इलाकों में स्कूल प्रत्यक्ष रूप से शुरू हो रहा है। वहां पर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में दूरदर्शन और आकाशवाणी के जरिए पढ़ाई शुरू करने को लेकर केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर से चर्चा करूंगा।प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि सरकार ने लॉनलाइन पढ़ाई के संबंध में अभिभावकों की राय पर विचार किया है। कक्षा पहली और कक्षा दूसरी के विद्यार्थियों की लॉनलाइन पढ़ाई नहीं होगी। शिक्षा विभाग के परिपत्र के मुताबिक कक्षा पहली और कक्षा दूसरी के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा नहीं दी जाएगी लेकिन इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को टीवी और रेडियो पर उपलब्ध शैक्षणिक कार्यक्रम दिखाया व सुनाया जा सकेगा।
मनरेगा के पैसे से होगी स्कूलों में सफाई
परिपत्र के अनुसार मनरेगा के तहत मिलने वाली निधि का इस्तेमाल स्कूलों में स्वच्छता के लिए किया जाए। स्कूलों में साबून, पानी, मास्क, सेनिटाइजर की सुविधा 15 वें वित्त आयोग से प्राप्त निधि से की जाए।
करोना प्रतिबंधक ग्राम समिति, शिक्षकों पर बड़ी जिम्मेदारी
प्रदेश में स्कूल शुरू करने के लिए शुरुआत में स्कूल प्रबंधन समिति की सभा आयोजित की जाएगी। गांवों में कोरोना प्रतिबंध समिति और स्थानीय पदाधिकारी से चर्चा की जाएगी। स्कूली शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन समिति को स्कूल दो सत्र में शुरू करने पर विचार करने को कहा है। एक सत्र 3 घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। या फिर विद्यार्थियों की कक्षाएं सम-विषम पद्धति के आधार शुरू करने को कहा है। बस और ऑटो में होने वाली भीड़ को टालने के लिए अभिभावकों को विद्यार्थियों को साइकिल और स्कूटर से स्कूल तक छोड़ने के विकल्प को अपनाने को कहा गया है। स्कूलों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अभिभावकों की सभा बुलाकर उनके मन से डर को दूर किया जाएगा। शिक्षक पलायन करने वाले मजदूरों के बच्चों के घर जाकर उन्हें स्कूल में आने के लिए प्रेरित करेंगे। स्कूली शिक्षा विभाग की सरल प्रणाली को अपडेट करने, विद्यार्थियों के आधार क्रमांक भरने, ग्राम पंचायतों की मदद से टीवी, रेडियो की व्यवस्था की जाएगी। इससे जिन विद्यार्थियों के पास सुविधाएं नहीं हैं उन्हें मदद मिल सके। शिक्षा के लिए गूगल क्लास रूम, वेबिनार डिजिटल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। ई- शैक्षणिक सामग्री तैयार की जाएगी।
स्कूल शुरु करने की इन पर होगी जिम्मेदारी
रेड जोन को छोड़कर प्रदेश के बाकी हिस्सों के स्कूलों को चरण बद्ध तरीके से शुरू करने का फैसला स्थानीय प्रशासन, ग्राम पंचायत, स्कूल प्रबंधन समिति को मिलकर लेना होगा। स्कूल शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि गांव में बीते एक महीने में कोरोना का एक भी मरीज न मिला हो। स्कूलों में नए विद्यार्थियों का दाखिला ऑनलाइन करने को कहा गया है या फिर ऐसी व्यवस्था बनाने को कहा गया है जिससे प्रवेश प्रक्रिया के समय स्कूलों में भीड़ न हो। जिन जगहों पर स्कूल शुरू नहीं होगा वहां पर टाटा स्काई और जियो जैसे निजी टीवी नेटवर्क की मदद से पढ़ाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट जल्द शुरू करने को कहा गया है। महानगर पालिकाओं से कहा गया है कि शहर में विद्यार्थियों को शैक्षणिक लाभ के लिए मुफ्त में वाइफाइ सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यदि संभव हो तो स्थानीय टीवी नेटवर्क और वर्चुअल स्कूल की मदद से विद्यार्थियों तक पाठ्यक्रम पहुंचाया जाए। विद्यार्थियों को टैब अथवा एसडी कार्ड में पाठ्यक्रम लोड करके दिया जाए।
कब शुरू होंगे स्कूल
कक्षाएं तारीख
कक्षा नौवीं, दसवीं और बाहरवीं - जुलाई महीने से
कक्षा छठवीं से आठवीं - अगस्त महीने से
कक्षा तीसरी से पांचवीं - सितंबर महीने से
कक्षा पहली और दूसरी - स्कूल प्रबंधन समिति फैसला
लेगी। अभिभावकों को टीवी
और रेडियो पर उपलब्ध
शैक्षणिक कार्यक्रम दिखाने और
सुनने की आदत लगानी होगी।
कक्षा ग्याहरवीं - कक्षा 10 वीं के परीक्षा परिणाम
घोषित होने के बाद ग्याहरवीं की प्रवेश
प्रक्रिया पूरी होने पर
Created On :   15 Jun 2020 8:42 PM IST