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एस टी बस का इतिहास लेकर निकला चित्ररथ, 50 बस स्टैण्ड पर दस्तक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। परिवहन का साधन सोचने पर सबसे पहले रेल गाड़ी और इसके बाद एस टी की बसें जेहन में आती है। बिना कोई झंझट कम किराये में सफर की बात करें तो हर कोई एस टी बस को ही प्राथमिकता देता है। हालांकि एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचानेवाली इन बसों के इतिहास से बहुतांश लोग अनभिज्ञ हैं। ऐसे में राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की ओर से एस टी बसों का इतिहास चित्ररथ के माध्यम से लोगों के सामने रखा जा रहा है। राज्य के 50 बस स्टैण्ड पर रूकनेवाली चित्ररथ नामक एस टी बस बस मंगलवार को नागपुर से निकल रही है। जो यहां से सफर शुरू कर कुल 50 बस स्टैण्ड पर पहुंचेगी। सुबह से शाम तक यह बस यहीं रुकेगी। ऐसे में स्कूली छात्र से लेकर हर तबके के लोग इस बस को देख एस टी बसों के इतिहास को समझ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 71 साल पहले एस टी बसों की शुरूआत हुई थी। अधिकांश लोग इसे लाल परी के नाम से भी जानते थे। उस दौर में जिस गांव में एस टी बस पहुंची, उस गांव का दर्जा भी बढ़ जाता था। पहले शहर से शहर फिर शहर से बड़े गांव और आखिर में शहर से छोटे-छोटे गांवों तक एस टी बसें यात्रियों को पहुंचाने लगी। समय बदलता गया, धीरे-धीरे बसों की संख्या बढ़ने के साथ इनके रुप भी बदलने लगे। पहले छोटी बसों को शुरू किया। इसके बाद निजी बसों को तोड़ देने के लिए वॉल्वो बस व आखिरकार एसी शिवशाही से बसों को शुरू किया गया। भले ही लोगों को के लिए बहुत ज्यादा यह बसें उपयोगी रही हो, लेकिन इसके बारे में हर किसी को ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। ऐसे में एस टी बसों से जुड़ी सारी जानकारियां लोगों तक पहुंचे और यात्रियों से अपनापन बढे़ इसलिये राज्य मार्ग परिवहन महामंडल ने वारी वाल परी नाम से चित्ररथ तैयार किया है।
क्या है चित्ररथ ?
चित्ररथ एस टी की एक बस है। जिसमें फोटो के माध्यम से बसों के 71 साल के इतिहास को दर्शाया गया है। वही इसमें प्रशासन द्वारा चलाई जाने वाले सभी अभियान की जानकारी दी जानेवाली है। राज्य के 50 बस स्टैण्ड पर यह बस घूमनेवाली है।
Created On :   12 Aug 2019 3:37 PM IST