इंजीनियर्स से लेकर डॉक्टर तक हैं इस भजन मंडली में, परफार्मेंस पर झूमने लगते हैं लोग

City youth have group which performs hymns even in time of songs
इंजीनियर्स से लेकर डॉक्टर तक हैं इस भजन मंडली में, परफार्मेंस पर झूमने लगते हैं लोग
इंजीनियर्स से लेकर डॉक्टर तक हैं इस भजन मंडली में, परफार्मेंस पर झूमने लगते हैं लोग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पाश्चात्य गीत-संगीत ने  युवा वर्ग को पूरी तरफ अपने आकर्षण ले चुकी है, इसके बावजूद कुछ युवा ऐसे हैं, जो अपनी भारतीय गीत-संगीत को भारतीय रंग में रंगे हुए हैं। आजकल रीमिक्स गाने, हिप-हॉप डांस और ऑर्केस्ट्रा में नई-नई तकनीकें आ गई हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ यंगस्टर्स का रुझान आज भी भजन, ढोल, मंजीरा और झांझ बजाने की ओर है। उनकी अपनी भजन मंडली है जो, विभिन्न स्थानों पर जाकर भजन गाते हैं। ये युवा अपनी परंपरा को जीवित रखते हुए लाइफ में कुछ हटकर करने की इच्छा रखते हैं। सोशल मीडिया पर व्यस्तता के बाद भी उनका ध्यान धार्मिक कार्यक्रमों की तरफ बढ़ रहा है। ये लोग वीकेंड में भजन कार्यक्रम करते हैं। इन युवाओं में इंजीनियर्स, सीए और डॉक्टर भी शामिल हैं। इसमें नौकरीपेशा और कॉलेज गोइंग भी हैं। ढोलक, मंजीरा, झांझ के साथ घरों में जाकर भजन कार्यक्रम तो करते ही हैं, साथ ही वे जगराताें में भी जाते हैं। 

भजन गाना पसंद  
मुझे भजन गाना पसंद है। मैं स्कूल में संगीत शिक्षिका हूं। वैसे तो सभी तरह के गाने गाती हूं ,लेकिन मुझे भजन गाना ज्यादा पसंद है। इसके लिए हमने मंडली बनाई है, जो भजन गाने जाती है। वैसे तो हमारे पास काम के चलते ज्यादा समय नहीं होता है, लेकिन भजन कार्यक्रम द्वारा हम भगवान के भजनों को गाकर उनकी अराधना करते हैं। हमारी मंडली में सभी युवा हैं। मैं ढाेलक बजाना भी जानती हूं। वीक में एक दो-दिन इस तरह के कार्यक्रम करके बहुत मजा आता है। यंगस्टर्स में एनर्जी ज्यादा होती है। ऐसे में माहौल को मस्ती भरा बना देते हैं। 
- दिव्या मिश्रा, गायिका

झूमने लगते हैं लोग

जब कहीं भी भजन का कार्यक्रम देने जाते हैं, तो सभी साथी मिलकर अपनी आवाज और वाद्य यंत्रों की आवाज से झूमने पर मजबूर कर देते हैं। मजा तो तब आता है, जब हमारे साथ सभी लोग झूमने लगते हैं। मुझे ढोलक बजाना पसंद है। मंडली में हर कोई एक्सपर्ट है। कोई गाने में, तो कोई वाद्य यंत्र बजाने में। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें आज का म्यूजिक पसंद नहीं है, पर युवा का रुझान भजनों की ओर करने के लिए  यह  बढ़िया माध्यम है। 
- शैलेश तिवारी, वादक

सभी ड्रेस कोड में रहते  

हमारी भजन मंडली के लिए हमने ड्रेस कोड भी रखा है। बॉयज के लिए ऑरेंज कुर्ता, पैजामा और गर्ल्स के लिए भी ऑरेंज कुर्ता ओर ह्वाइट सलवार है। भजन मंडली हमने अभी-अभी शुरू की है। हम सभी वीकेंड पर भजन गाने जाते हैं। कई ऐसे लोग हैं, जो भजन करवाना पसंद करते है। सभी जॉब वाले हैं, इसलिए हमने संडे फिक्स किया है, ताकि संडे को कुछ अलग कर सकें। धार्मिक होना भी जरूरी है। इससे हमें बहुत सारा नॉलेज मिलता है। पढ़ाई के साथ समाज में रहने के लिए यह सब करना भी जरूरी होता है। 
- अंकुश जोशी, वादक
 

Created On :   19 Feb 2019 3:50 PM IST

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