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अवैध धंधो का अड्डा बना सिविक सेन्टर गार्डन, हाईकोर्ट ने कलेक्टर, निगमायुक्त, जेडीए और एसपी को जारी किए नोटिस

डिजिटल डेस्क जबलपुर। हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका को काफी संजीदगी से लिया, जिसमें नगर निगम द्वारा संचालित गार्डनों की बदहाली व बदइंतजामी को चुनौती दी गई है। आरोप है कि सिविक सेन्टर गार्डन को तो चारों ओर से अतिक्रमणों ने घेर रखा है और वहां अवैध धंधे बेखौफ होकर संचालित हो रहे हैं। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद मामले में अनावेदक बनाए गए जबलपुर कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, जेडीए और एसपी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 18 नवम्बर को होगी।
अधिवक्ता जकी अहमद की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि नगर निगम द्वारा संचालित शहर के गॉर्डन बदहाल स्थिति में हैं। वहां पर न तो गार्डनर्स हैं और न ही केयर टेकर। अधिकांश गार्डन तो अतिक्रमणों की चपेट में आ गए हैं। याचिका में सिविक सेंटर में स्थित गार्डन और मेडिकल के पास स्थित नेहरु नगर गॉर्डन का उदाहरण देकर कहा गया है कि वहां पर किसी भी तरह के कोई इंतजाम मौजूद नहीं हैं।
चल रहे अवैध पार्किंग स्टेंड-
शहर के हृदय स्थल में मौजूद सिविक सेन्टर गार्डन में ट्रैफिक की भी समस्या है। गार्डन के ठीक सामने जेडीए की भी बिल्डिंग है, जहां बड़ी संख्या में अतिक्रमणकारी जमे हैं। कुछ लोग अवैध तरीके से पार्किंग स्टैण्ड चलाकर गार्डन में आने वालों से अवैध वसूली भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं गार्डन में बैखोफ होकर न सिर्फ ड्रग्स और शराब बेची जाती है, बल्कि वहां पर जुआ भी खिलाया जाता है। इसी गार्डन से हटाए गए एक अतिक्रमण का मलबा अभी भी सिविक सेन्टर गार्डन में मौजूद है।
शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई-
गार्डन के अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों के लिए पौधे उपलब्ध कराने नगर निगम के पास नर्सरी तक नहीं है। इस बारे में संबंधितों को शिकायतें देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई, ताकि शहर में मौजूद गार्डन्स की स्थिति को सुधारा जा सके। याचिका पर मंगलवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिका में बनाए गए अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
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