सीजेआई ने कहा- मैं भी चाहता हूं अदालतें खुले, लेकिन फिलहाल संभव नहीं

CJI said- I also want courts open, but not possible at the moment
सीजेआई ने कहा- मैं भी चाहता हूं अदालतें खुले, लेकिन फिलहाल संभव नहीं
सीजेआई ने कहा- मैं भी चाहता हूं अदालतें खुले, लेकिन फिलहाल संभव नहीं


डिजिटल डेस्क जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि मैं भी चाहता हूं अदालतें खुले, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी लोगों की जान की सुरक्षा है। फिलहाल अदालतों में भौतिक सुनवाई संभव नहीं है। सीजेआई ने शनिवार को यह बात जबलपुर आगमन के दौरान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल से कही। सीजेआई ने कहा कि इस संबंध में चिकित्सा विशेषज्ञों और मौसम वैज्ञानिकों से लगातार चर्चा की जा रही है। सभी राज्यों के चीफ जस्टिस भी परिस्थितियों का आंकलन कर रहे है। जैसे ही परिस्थितियां अनुकूल होंगी, अदालतों को चरणबद्द्ध तरीके से खोलने का निर्णय लिया जाएगा। शनिवार शाम को सीजेआई नर्मदा महाआरती में भी शामिल हुए। इसके साथ ही प्रदेश में 12 स्थानों पर मीडिएशन सेन्टरों का ऑनलाइन उदघाटन किया।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल और सचिव मनीष तिवारी ने शनिवार को सीजेआई से मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के बंगले में मुलाकात की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद से अदालतों में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए केवल अर्जेंट प्रकरणों की सीमित सुनवाई चल रही है। अब अदालतों में भी भौतिक सुनवाई शुरू की जाना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में अधिवक्ता आर्थिक संकट का सामना कर रहे है। सीजेआई ने कहा कि जबलपुर मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहां के लोगों की दुआओं से ही वे सीजेआई जैसे पद पर पहुंच पाए है। इसके पूर्व शनिवार दोपहर 2 बजे सीजेआई नई दिल्ली से विमान के द्वारा डुमना एयरपोर्ट पहुंचे। वे एयरपोर्ट से दोपहर 2.30 बजे मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के बंगले पर पहुंचे। शाम 4.50 बजे सीजेआई का हाईकोर्ट परिसर में स्वागत किया गया। 18 अक्टूबर को सीजेआई बाघों का दीदार करने के लिए मंडला रवाना होंगे।

Created On :   17 Oct 2020 5:01 PM GMT

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