जाति-धर्म आधारित नाम पर स्थिति स्पष्ट करें
डिजिटल डेस्क, नागपुर. देश में राजनीतिक संगठनों को जाति या धर्म आधारित नाम पर निर्वाचन आयोग से पंजीकृत किया जा सकता है या नहीं, इस मुद्दे पर बुधवार काे बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। दरअसल भीम सेना ने वर्ष 2019 में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उसने निर्वाचन आयोग के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें आयोग ने याचिकाकर्ता संगठन को राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने से इनकार किया था। निर्वाचन आयोग का तर्क था कि जाति या धर्म के नाम पर किसी भी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी का पंजीयन नहीं किया जा सकता।
खुद को अनजान बताया
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उनके संगठन में भीम शब्द भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर लिया गया है। देश में कोई भी भीम नाम की जाति या धर्म नहीं है, इसलिए निर्वाचन आयोग का फैसला उचित नहीं है। इस मामले में जब बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, तो याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कुछ समय पूर्व राज्य निर्वाचन आयोग ने उनके संगठन को भीम सेना के रूप में पंजीकृत किया है। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग को भी इसी नाम से पंजीयन स्वीकृत करने में हर्ज नहीं होना चाहिए। इसके जवाब में भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग के एेसे किसी भी निर्णय से खुद को अनजान बताया। ऐसे में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता और अन्य सभी पक्षों को 1 फरवरी तक का वक्त देकर शपथपत्र के माध्यम से अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। मामले में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से एड. नीरजा चौबे ने पक्ष रखा।
Created On :   27 Jan 2023 6:12 PM IST