ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी और शहरों में सातवीं तक की कक्षाएं 1 दिसंबर से शुरू होगी  

Classes from 1st to 4th in rural areas and 7th in cities will start from 1st December
ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी और शहरों में सातवीं तक की कक्षाएं 1 दिसंबर से शुरू होगी  
फैसला ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी और शहरों में सातवीं तक की कक्षाएं 1 दिसंबर से शुरू होगी  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में अब कक्षा पहली से चौथी और शहरी इलाकों में पहली से सातवीं तक की कक्षाएं 1 दिसंबर से शुरू हो जाएंगी। गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कक्षा पहली से कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया गया। प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने यह जानकारी दी। फिलहाल राज्य के ग्रामीण इलाकों में पांचवीं से बारहवीं और शहरी इलाकों में कक्षा आठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं शुरू हैं। मंत्रिमंडल के इस फैसले से राज्य में अब कक्षा पहली से बाहरवीं तक की सभी कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। वहीं राज्य में प्री प्राइमरी कक्षाएं और आवासीय स्कूलों को खोलने के बारे में फैसला नहीं हुआ है। राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में शिक्षा मंत्री गायकवाड ने कहा कि कक्षा पहली से कक्षाएं शुरू करने के लिए अगले सप्ताह भर में तैयारी पूरी कर ली जाएगी। इस संबंध में शुक्रवार को स्कूली शिक्षा विभाग के अफसरों की बैठक बुलाई गई है। बच्चों के कोविड टास्क फोर्स से चर्चा के बाद स्कूली शिक्षा विभाग पहली कक्षा से कक्षाओं को शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगा। शिक्षा विभाग के अफसरों के जरिए स्कूलों में एसओपी का पालन कराया जाएगा। एसओपी में स्पष्ट किया जाएगा कि बच्चों को स्कूल में आने के लिए स्कूलों को अभिभावकों से सहमति की जरूरत पड़ेगी अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सभी कक्षाएं शुरू करने के संबंध में अंतिम फैसला लेने का अधिकार स्थानीय प्रशासन के पास होगा। यदि किसी जगह पर कोई मुश्किल आती है तो स्थानीय प्रशासन स्कूल शुरू करने के संबंध में उचित फैसला ले सकता है। गायकवाड ने कहा कि राज्य में एसटी कर्मचारियों की हड़ताल शुरू होने से बसें बंद है। इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में इस स्थिति से निपटने के बारे में भी चर्चा हुई है। लेकिन स्कूली शिक्षा विभाग ने पहले बनाई गई एसओपी में बच्चों को संभव होने पर पैदल स्कूल आने का आग्रह किया गया था। जिन अभिभावकों के पास निजी वाहन है। वह बच्चों को अपनी गाड़ी से स्कूल में पहुंचा सकते हैं। गायकवाड ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूल में न आने वाले बच्चे धीरे-धीरे मुख्य प्रवाह से दूर चले जाएंगे। इसलिए स्कूलों में सभी कक्षाओं को शुरू करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए अभिभावकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। 

Created On :   25 Nov 2021 9:32 PM IST

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