इंडियन क्लासिकल म्यूजिक विश्व के कोने-कोने तक पहुंचे : कामत

Classical music have to reached to the corner of the world Kamat
इंडियन क्लासिकल म्यूजिक विश्व के कोने-कोने तक पहुंचे : कामत
इंडियन क्लासिकल म्यूजिक विश्व के कोने-कोने तक पहुंचे : कामत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंडियन क्लासिकल म्यूजिक विश्व के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए ये कहना है भारतीय शास्त्रीय संगीत की जानकार अनुजा कामत का। वे एप्रिसिएटिंग इंडियन म्यूजिक विथ अनुजा कामत कार्यक्रम में बोल रहीं थीं। कार्यक्रम का आयोजन चिटणवीस सेंटर, सिविल लाइंस में हुआ। इस मौके पर परफाॅर्मिग आर्टिस्ट अनुजा कामत ने इंडियन म्यूजिक पर लेक्चर व डेमोट्रेशन भी किया गया। वहीं इसके साथ इंडियन म्यूजिक और वेस्टर्न म्यूजिक की समानताएं व अंतर भी अनुजा ने बखूबी समझाए। 

रागों की भी है खूबियां 
वहीं उन्होंने राग क्या है और हमें कैसे महसूस करते हैं और रागों को कब सुनना चाहिए ये भी श्रोताओं व दर्शकों को बताया व समझाया। वहीं अन्य विषय पर भी उन्होंने प्रकाश डालते हुए उन्होंने शास्त्रीय संगीत और संगीत का कैसे रियाज करना चाहिए इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। अनुजा कामत परफाॅर्मिग आर्टिस्ट हैं। वे यूटयूब पर भारतीय संगीत शास्त्रीय संगीत की विधाएं सिखाती हैं। उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत में महारत हासिल है। वे कई एपीसोड के जरिए लोगों तक शास्त्रीय संगीत को पहुंचा रही हैं। वहीं अनुजा कामत के अनुसार वे चाहती हैं कि भारतीय शास्त्रीय संगीत विश्व के कोने-कोने तक पहुंचे और वे इसके लए संघर्षरत हैं। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर स्वतंत्र प्रोजेक्ट तैयार किए हैं और उन्हें निर्देशित भी किया है। उनका लक्ष्य पूरे वश्व को संगीत की बारीकियां पंहुचाना है। अनुजा 8 साल की उम्र से संगीत सीख रही हैं। उन्होंने  संगीत की शिक्षा  उत्तरा केलकर से ली वहीं हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत शुचेता अथलेकर और  शाश्वती मंडल पॉल से सीख रही हैं। अनुजा ने मुंबई विश्वविद्यालय के सेंट जेवियर्स कॉलेज से हिंदुस्तानी संगीत में डिग्री हासिल की है। वहीं उन्होंने कई राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीती हैं। उन्होंने मराठी सा रे गे मा पा एलिल चैंप्स के पहले भाग में हिस्सा लिया था तब से, वह कई मंच प्रदर्शन दे रही हैं।

Created On :   16 April 2018 2:44 PM IST

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