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स्वच्छता अभियान : उत्साह ठंडा, जोरों पर तैयारी, जमीनी स्तर पर सिर्फ हुआ सर्वेक्षण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता सर्वे के लिए पिछले साल से ही जाेरों पर तैयारियां चल रही हैं, लेकिन मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर सहित अन्य टीम के प्रयासों के बाद भी कुछ जोन की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। प्रत्येक जोन की जिम्मेदारी सहायक आयुक्त की तरह है, लेकिन उनका इस तरफ ध्यान ही नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि मनपा आयुक्त की टीम के दौरे के दौरान कुछ जोन सहायक आयुक्त समय पर ही नहीं पहुंचे। खत्म उत्साह के साथ किए जा रहे कार्य में स्वच्छता का जिम्मेदार कौन है? यह सवाल खड़ा हो रहा है।
जमीनी स्तर पर सिर्फ सर्वेक्षण
स्वच्छता सर्वे पर केन्द्र सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। अलग-अलग कैटेगरी बनाई हैं, जिससे शहर की सफाई का मूल्यांकन हो सके, लेकिन इसके बाद भी स्थिति यह बनी हुई है कि जमीनी स्तर पर काम करने की जगह सिर्फ सर्वेक्षण की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है। पिछले साल स्वच्छता सर्वे के लिए बड़े पैमाने पर काम किए गए, लेकिन सर्वे के बाद सबकुछ धरा का धरा रह गया और स्वच्छता सर्वे से नागरिकों का भरोसा उठ गया। इस बार फिर आम जनता से स्वच्छता की अपील की जा रही है और नए-नए तरीकों को ध्यान दिया जा रहा है।
महापौर, उपमहापौर, नगरसेवक कब जागेंगे
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए युद्धस्तर पर काम करने की बात की जा रही है। दूसरी ओर आमजनता से भी सहयोग मांगा जा रहा है, लेकिन महापौर नंदा जिचकार, उपमहापौर दीपराज पार्डीकर स्वच्छता के लिए सड़क पर नहीं दिखाई दिए। ऐसे में स्वच्छ शहरों की सूची में 55वां स्थान प्राप्त करने वाला नागपुर इस बार और पिछड़ न जाए। इसके लिए नगरसेवकों और पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
Created On :   16 Jan 2019 6:04 PM IST