अब बंद हुई लंबी दूरी की बसें, जबलपुर, नाशिक व शिर्डी के लिए नहीं चलेंगी बसें

Closed long distance buses will not run for Jabalpur, Nashik and Shirdi
अब बंद हुई लंबी दूरी की बसें, जबलपुर, नाशिक व शिर्डी के लिए नहीं चलेंगी बसें
अब बंद हुई लंबी दूरी की बसें, जबलपुर, नाशिक व शिर्डी के लिए नहीं चलेंगी बसें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुछ समय पहले तक गणेशपेठ बस स्टैंड से चलने वाली कुछ लंबी दूरी की बसों को बंद कर दिया गया है। इसमें जबलपुर, नाशिक व शिर्डी जाने वाली बसें शामिल हैं। आमदनी कम होने के कारण प्रशासन ने इन बसों को बंद किया था, लेकिन इन्हीं स्थानों के लिए  प्रति दिन बड़ी संख्या में यात्री निजी बसों में सवार हो रहे हैं।  

जबलपुर के यात्री ज्यादा परेशान
‘यात्री सेवा ही उद्देश्य’ मूलमंत्र के साथ  एसटी बसों को राज्य भर में चलाया जाता है। प्रति दिन 579 से ज्यादा बसें विभिन्न दिशाओं की ओर लाखों यात्रियों को लेकर चलती हैं। रेलवे के बाद यात्रियों के लिए यह एक मुख्य साधन है। केवल नागपुर की बात करें तो यहां 4 डिपो हैं, जिसमें मुख्य गणेशपेठ बस स्टैंड है। यहां से करीब एक हजार बसें प्रति दिन विभिन्न डिपो आकर जाती हैं। वहीं, गणेशपेठ से ही 135 बसें चलाई जाती हैं, जो अमरावती, नरखेड़, पांढुर्णा, हैदराबाद, पंढरपुर आदि लंबी दूरियों के लिए जाते हैं।

कुछ समय पहले तक यहां से जबलपुर, नाशिक व शिर्डी के लिए भी बसें चलाई जाती थी। प्रति दिन अच्छी संख्या में इनके यात्री होते थे, लेकिन आमदनी कम के नाम पर इन बसों को बंद कर दिया है। इस कारण  यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसमें मुख्य रूप से जबलपुर की बस के बंद होने से यात्री परेशान हो रहे हैं। नागपुर से जबलपुर जानेवालों की संख्या भी अच्छी-खासी है। इस दिशा की ओर कोई बस नहीं चलने से यात्रियों को शिवनी की बसों में सवार होना पड़ रहा है। यहां से जबलपुर जाने तक बसें बदलने से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

एसटी बसों के फास्टैग अकाउंट खाली
नाके पर टैक्स पे करने के लिए भले ही एसटी प्रशासन ने सभी बसों में फास्टैग लगवा लिये हैं, लेकिन अकाउंट खाली है। ऐसे में बस ड्राइवरों को फास्टैग लगा रहने के बावजूद रसीद कटानी पड़ रही है। लंबी कतार में खड़े रहने से यात्रियों की समय बर्बादी हो रही है। वहीं, कुछ ड्राइवर अज्ञानता के कारण फास्टैग लाइन में बसों को लाने से टोल टैक्स के डबल पैसे भरने पड़ रहे हैं। 

 

Created On :   14 Jan 2020 6:21 AM GMT

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