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मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर पद के दुरुपयोग का आरोप, हाईकोर्ट में याचिका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाती फौजदारी रिट याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई शुरू हुई। याचिकाकर्ता मोहनीश जबलपुरे की ओर से एड. सतीश उके ने कोर्ट में फडणवीस पर आरोप लगाए कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए पुलिस कर्मचारियों और संजय गांधी निराधार योजना के बैंक खाते एक्सिस बैंक में शिफ्ट कर दिए। मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता फडणवीस इस बैंक की वाइस प्रेसिडेंट है।
पत्नी को लाभ पहुंचाने का लगा आरोप
याचिका में आरोप है कि पत्नी को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से फडणवीस ने यह कदम उठाया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के आरोपों को सुना। मामले में सरकारी पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि उन्हें याचिका की प्रति और अन्य दस्तावेज कुछ ही समय पूर्व मिले हैं। ऐसे में कोर्ट ने सरकारी पक्ष को याचिका का अध्ययन करने के लिए वक्त देकर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने इस याचिका में प्रतिवादी क्रमांक-3 अमृता फडणवीस का नाम हटाने की इच्छा जताई। कोर्ट ने उन्हें इसकी अनुमति देते हुए याचिका से अमृता फडणवीस का नाम हटाने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता ने अन्य दो लोगों को इसमें प्रतिवादी बनाने की मंशा जताई, जिस पर कोर्ट ने उन्हें नियमानुसार अर्जी दायर करने के आदेश दिए।
उच्च स्तरीय समिति गठित कर जांच की मांग
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 11 मई 2017 को एक सर्कुलर जारी किया। जिसके अनुसार सरकार ने राज्य के सभी पुलिस कर्मचारियों और संजय गांधी निराधार योजना के बैंक खाते एक्सिस बैंक में शिफ्ट कर दिए। याचिकाकर्ता को इस पर आपत्ति है। उन्होंने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से प्रार्थना की है कि वे एक्सिस बैंक के पिछले तीन वर्ष के ऑडिट रिपोर्ट की पड़ताल कराए। राज्य सरकार के बैंक से किए गए करार पर उच्च स्तरीय जांच गठित कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।