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कृषि कॉलेज का कारनामा, पीजी स्टूडेंट्स को बांटे पुराने प्रश्न पत्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर | एजुकेशन को लेकर उजागर हो रही एक के बाद एक खामियों को देख लगने लगा है कि शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिस तरह की कोताही सामने आ रही है उससे विद्यार्थयों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। इस बार जो मामला सामने आया है वह डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय से जुड़ा है। दो वर्ष पुराना प्रश्नपत्र देख परीक्षार्थियों का सिर चकरा गया उन्होंने इसकी शिकायत की। महाविद्यालय प्रशासन पर वे भड़के भी, लेकिन महाविद्यालय ने इस दावे के साथ विद्यार्थियों की शिकायत खारिज की कि प्रश्नपत्र इसी सत्र का है। डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के नागपुर स्थित कृषि महाविद्यालय में एमएससी के तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों के साथ यह घटना हुई है। परीक्षा डेयरी साइंस विषय की थी।
गलती से सत्र पुराना छपा
बताया जाता है कि परीक्षार्थी निर्धारित समय पर सुबह 10 बजे केंद्र पर पहुंचे। परीक्षा शुरू हुई, निरीक्षक ने विद्यार्थियों में प्रश्नपत्र बांटा। प्रश्नपत्र देख कर विद्यार्थियों का सिर चकरा गया। प्रश्नपत्र के टाइटल पर "सत्र 2017-18" की जगह "सत्र 2015-16" लिखा था। यह देखते ही विद्यार्थियों का माथा ठनका। विश्वविद्यालय उन्हें दो वर्ष पुराना पेपर हल करने के लिए कह रहा है, यह जानकार विद्यार्थी भड़क उठे। बाद में महाविद्यालय प्रबंधन ने मामला शांत किया। इस सबंध में महाविद्यालय के असोसिएट डीन एन. डी. परलावार ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने दावा किया कि पेपर पर गलती से "सत्र 2017-18" की जगह "सत्र 2015-16" छपा है। पेपर इसी सत्र का है। विद्यार्थियों को यही पेपर हल करने के लिए कहा गया और इसी पेपर के आधार पर उनका मूल्यंाकन होगा।
ज्ञात हो कि हाल ही में यूनिवर्सिटी से चूक हुई थी जिसमें कम्प्यूटर साइंस की जगह आईटी का पेपर थमा दिया गया था। इसी तरह आईटीआई के 38 विद्यार्थियों के साथ हुआ जिसमें कालेज ने उन्हें आनलाइन फार्म की जानकारी नहीं दी। जिससे उन्हें पेपर से वंचित रहना पड़ा। कुल मिलाकर जो खामियां और लापरवाही सामने आ रही है उसका खामियाजा विद्यार्थियों पर पड़ रहा है।

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Created On :   24 Nov 2017 11:10 AM IST