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कॉलेज तैयार करेंगे प्रश्नपत्र, पारदर्शिता पर सवाल
डिजिटल डेस्क, नागपुर. 5 दिसंबर से शुरू होने वाली नागपुर विश्वविद्यालय की शीतकालीन परीक्षा में विवि ने कॉलेजों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। एक से तीन सेमेस्टर तक के सभी गैर-व्यावसायिक पाठ्यक्रमों (बीए, बीएससी, बी.कॉम, बीबीए व अन्य) की परीक्षा कॉलेजों को लेनी है। इस बार कॉलेजों की जिम्मेदारी बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय ने उन्हें प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी भी दे दी है। कॉलेजों को यह परीक्षा विश्लेषणात्मक पैटर्न पर लेनी है। इस बार एमसीक्यू पैटर्न बंद कर दिया गया है, साथ ही कॉलेज के शिक्षकों को ही मूल्यंाकन करके विवि में सारा रिकॉर्ड भेजना है। ऐसे परीक्षा की सारी जिम्मेदारी कॉलेजों पर डालने से परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में शिक्षकों के एक वाट्सएप ग्रुप पर बीएससी फिजिक्स का प्रश्नपत्र लीक हुआ था और देखते ही देखते यह वायरल हो गया। इस मामले में विश्वविद्यालय ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में अगर कॉलेज स्तर पर ही प्रश्नपत्र तैयार हो रहे हैं, तो फिर उनकी गोपनीयता पर नियंत्रण के क्या प्रबंधन हैं, यह भी विवि की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है।
कड़वा अनुभव रहा है : गौरतलब है कि बीते ग्रीष्मकालीन परीक्षा सत्र में नागपुर विश्वविद्यालय ने कॉलेज में ही परीक्षा का सेंटर दिया था, जिसमें जमकर नकल हुई थी। विश्वविद्यालय को कई कॉलेजों में पेपर रद्द करना पड़ा, तो कई जगह तो परीक्षा का केंद्र ही रद्द कर दिया गया। ऐसे में पूर्व में कड़वा अनुभव मिलने के बाद भी विवि ने इस बार कॉलेजों की जिम्मेदारी बढ़ाई, इस पर शिक्षा जगत की ओर से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
परीक्षा प्रणाली लुढ़की : दरअसल नागपुर विश्वविद्यालय में एमकेसीएल कंपनी के विवाद से परीक्षा प्रणाली बुरी तरह हिली हुई है। प्रथम वर्ष की जिम्मेदारी इस कंपनी को दी गई थी, लेकिन जब एकाएक इसे बाहर का रास्ता दिखाया गया, तो विवि इस स्थिति में नहीं था कि वो अचानक परीक्षा का इतना बोझ उठा सके। ऐसे में कई कड़वे अनुभव के बावजूद विवि को कॉलेजों पर परीक्षा का भार डालना पड़ा।
Created On :   28 Nov 2022 7:22 PM IST