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कालेजों को मिली राहत, लंबित स्कालरशिप को मिली हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बीते अनेक वर्षों से लंबित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के कॉलेजों को स्कालरशिप अब मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। कॉलेज संचालकों की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई मुलाकात के बाद अब कॉलेजों को कुछ राहत मिलती दिख रही है। हाल ही में सामाजिक न्याय विभाग ने 2010 से 2017 तक की लंबित छात्रवृत्ति का 60 प्रतिशत हिस्सा काॅलेजों को आवंटित करने का निर्णय लिया है। विभाग ने हाल ही मंे इस संबंध मंे जीआर जारी किया है। छात्रवृत्ति के लिए विभाग ने कॉलेजों और विद्यार्थियों को करारनामा (इंडेमिटी बांड) देने के आदेश िदए हैं। हालांकि छात्रवृत्ति के हेर-फेर में घिरे कॉलेजों को इस लाभ से दूर रखा गया है। बता दें कि, छात्रवृत्ति न मिलने से नाराज कॉलेज संचालकों ने अधिवेशन के दौरान आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। उन्हें अब सफलता मिलती दिख रही है। राज्य सरकार के इस निर्णय के अनुसार 2010 से अब तक करीब 8 लाख विद्यार्थियों की पांच हजार करोड़ की छात्रवृत्ति लंबित है। जिसमें से 60 प्रतिशत राशि सरकार जारी करने जा रही है।
कालेजों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी
दरअसल नागपुर समेत विदर्भ के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति लंबित है। यही कारण है कि कॉलेजों को फीस नहीं मिलने से उनकी आर्थिक हालत चरमरा गई है। इसका असर कॉलेज संचालन पर भी पड़ रहा है। अधिकांश कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को पिछले 6 माह का वेतन भी अदा नहीं किया गया है। ऐसे में बीते दिनों विदर्भ अन-एडेड इंजीनियरिंग कॉलेज एसोसिएशन के शिष्टमंडल से हुई मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि, सरकार दो हिस्सों में छात्रवृत्ति जारी करेगी। पहले हिस्से में मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2017-18 की छात्रवृत्ति का 25 प्रतिशत हिस्सा एडवांस में ही जारी किया जाएगा। इसके बाद जल्द ही 2015-16 और 2016-17 की लंबित छात्रवृत्ति का 60 प्रतिशत हिस्सा सरकार जारी करेगी। छात्रवृत्ति की ऑनलाइन प्रक्रिया बंद पड़ी है, ऐसे में कॉलेजों के बिल मैनुअल पद्धति से तैयार किए जाएंगे।
Created On :   11 Dec 2017 11:27 AM IST