गड़चिरोली में कॉम्बिंग ऑपरेशन, एडीजी और आईजी ने डाला डेरा

combing operation of police in Gadchiroli
गड़चिरोली में कॉम्बिंग ऑपरेशन, एडीजी और आईजी ने डाला डेरा
गड़चिरोली में कॉम्बिंग ऑपरेशन, एडीजी और आईजी ने डाला डेरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गड़चिरोली में चल रहे कॉम्बिंग आपरेशन के चलते एडीजी  डी. कनकरत्नम और आईजी शरद शेलार का पिछले पांच दिनों से जुटे हुए हैं।  पिछले तीन वर्ष में नक्सली एक्टिविटी रोकने में पुलिस बल को काफी सफलता मिली है। इन तीन वर्षों के दौरान गड़चिरोली और गोंदिया जिले में पुलिस और नक्सली के बीच 15 मुठभेड़ की घटनाएं हुईं। इस दौरान 23 नक्सलियों का खात्मा किया गया और 132 नक्सलियों और उनके समर्थकों को दोनों जिलों के अलग- अलग क्षेत्रों से गिरफ्तार किया गया। जबकि 123 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।  
जंगल में कई कैंप किए नष्ट
दरअसल, तीन वर्ष में सफल रणनीति के चलते नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले अबुझमाड़ के जंगलों में उनके कई कैंप को नष्ट किया गया।  नाकाबंदी से नक्सलियों को बैकफुट पर लौटना पड़ रहा है। 
बौखलाहट में पिछले कुछ समय से वे निरपराधों को शिकार बनाने लगे हैं। पिछले दिनों हुए हमले में दो पुलिस जवानों के शहीद होने से नागरिकों में काफी रोष है। इस घटना की शासन स्तर पर उच्चस्तरीय दखल ली गई और यह ऑपरेशन शुरू किया गया। अतिरिक्त पुलिस महासंचालक डी. कनकरत्नम, नक्सल विरोधी अभियान व विशेष पुलिस महानिरीक्षक शरद शेलार के नेतृत्व में गड़चिरोली परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक अंकुश शिंदे, गड़चिरोली के पुलिस अधीक्षक अभिनव देशमुख ऑपरेशन पर विशेष नजर रख हुए हैं। इन सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने गड़चिरोली जिले के लाहेरी, नारगुंडा, अहेरी, धानोरा, ग्यारापत्ती आदि सहित अन्य संवेदनशील स्थानों पर भेंट देकर वहां का निरीक्षण किया। 

सीमा पर जाकर जवानों से की मुलाकात

ऑपरेशन में शामिल पुलिस अधिकारियों ने तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्य से लगे नक्सली सीमाओं पर बने पुलिस थानों, उप पुलिस थानों में प्रत्यक्ष भेंट देकर वहां के अधिकारियों- कर्मचारियों को अलर्ट रहने की सूचना दी। केंद्रीय आरक्षी बल के अधिकारियों-जवानों से भी चर्चा की।  

जनसंपर्क और संवाद से विकास संभव
 नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की लोक कल्याणकारी व विकास के विविध योजनाओं और पुलिस के बढ़ते जनसंपर्क व संवाद के चलते शासन के विकास को नई दिशा मिल रही है। नक्सलग्रस्त व दुर्गम क्षेत्रों के नागरिक नक्सलियों की गांव बंदी योजना शुरू कर सरकारी योजनाओं को साकार करने में सहयोग कर रहे हैं। शासन के विकास को आगे बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदम के कारण अब युवाओं का नक्सलियों से मोहभंग होने लगा है और यह एक अच्छी पहल है।

Created On :   5 Dec 2017 10:44 AM IST

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