लोकशिक्षण आयुक्त और कटनी डीईओ अवमानना मामले में दोषी करार

Commissioner of Public Education and Katni DEO convicted in contempt case
लोकशिक्षण आयुक्त और कटनी डीईओ अवमानना मामले में दोषी करार
लोकशिक्षण आयुक्त और कटनी डीईओ अवमानना मामले में दोषी करार

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट के आदेश की नाफरमानी पर सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आदेश का पालन नहीं करने पर लोकशिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत और कटनी के डीईओ बीबी दुबे को अवमानना का दोषी पाया है। इस मामले में लोकशिक्षण आयुक्त और कटनी डीईओ की सजा पर सुनवाई के लिए 9 फरवरी की तिथि नियत की है। भोपाल निवासी शिखा शर्मा की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि उनके पति अशोक शर्मा भोपाल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। उनका वर्ष 2014 में निधन हो गया। पति के निधन के बाद उन्होंने अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन दिया, लेकिन शिक्षा विभाग ने उनके आवेदन पर विचार नहीं किया। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में शिक्षा विभाग को अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश पर विचार करने का आदेश दिया। उनका आवेदन शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया। अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन निरस्त करने के खिलाफ फिर याचिका दायर की गई। 23 अप्रैल 2018 को हाईकोर्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दिए जाने का आदेश निरस्त कर दिया। याचिका स्वीकार कर आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को किसी भी पद पर नियुक्ति दी जाए। यदि उसके पास आवश्यक अर्हता नहीं है तो उसे 3 वर्ष समय दिया जाए। शिक्षा विभाग ने इस आदेश के खिलाफ पहले रिव्यु पिटीशन और बाद में रिट अपील लगाई। हाईकोर्ट से दोनों याचिकाएँ खारिज हो गईं। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से वर्ष 2018 में अवमानना याचिका दायर की गई। इस अवमानना याचिका में कटनी डीईओ ने बिना किसी अधिकार के अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन निरस्त करते हुए जवाब पेश कर दिया।
वही आदेश पारित किया, जिसे हाईकोर्ट निरस्त कर चुकी थी-अधिवक्ता मुकेश अग्रवाल और उत्कर्ष अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में डीईओ कटनी पक्षकार नहीं हैं। मामले में पक्षकार लोकशिक्षण आयुक्त हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए एकलपीठ ने लोकशिक्षण आयुक्त को आदेशित किया कि 11 जनवरी 2021 तक इस मामले में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें, नहीं तो कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें। लोकशिक्षण आयुक्त ने 9 जनवरी 2021 को जवाब प्रस्तुत कर फिर से अनुकम्पा नियुक्ति का आदेश निरस्त कर दिया। आदेश निरस्त करने का वही कारण बताया गया, जिसे हाईकोर्ट पहले ही निरस्त कर चुकी थी।
पक्षकार नहीं, फिर भी पारित कर दिया आदेश-सुनवाई के बाद एकलपीठ ने पाया कि इस मामले में कटनी डीईओ ने पक्षकार नहीं होते हुए भी आदेश पारित किया है, इसलिए उनके खिलाफ भी अवमानना की कार्रवाई की जाए। एकलपीठ ने लोकशिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत और कटनी डीईओ बीबी दुबे को अवमानना का दोषी करार देते हुए 9 फरवरी को सजा के प्रश्न पर बहस नियत की है।
 

Created On :   17 Jan 2021 5:49 PM IST

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