कमला मिल अग्निकांड : आरोपियों को जमानत नहीं, सेवानिवृत्त जज करेंगे जांच

Committee investigate  Kamla Mill Fire Case, under retired judge
कमला मिल अग्निकांड : आरोपियों को जमानत नहीं, सेवानिवृत्त जज करेंगे जांच
कमला मिल अग्निकांड : आरोपियों को जमानत नहीं, सेवानिवृत्त जज करेंगे जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई सत्र न्यायालय ने कमला मिल अग्निकांड के मामले के 11 आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। जिन आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज की गई है। उनमें कमला मिल कंपाउंड मिल के मालिक रमेश गोवानी, रवि भंडारीस, वन अबव पब के मालिक कृपेश सिंघवी, जिगर सिंघवी, अभिजीत मानकर, मोजो ब्रिस्टो पब के मालिक युग पाठक, युग तुली तथा उत्कर्ष पांडे शामिल हैं। ये सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और जेल में बंद है।  पिछले दिनों मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी इनके जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था। 

सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

बांबे हाईकोर्ट ने कमला मिल कम्पाउंड अग्निकांड मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जस्टिस की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय स्वतंत्र कमेटी बनाने के निर्देश दिया है। यह स्वतंत्र कमेटी कमला मिल में स्थित ‘मोजो ब्रिस्टो’ व ‘वन अबव’ पब में लगी आग के मामले की जांच करेगी। कमेटी मुख्य रुप से देखेगी की इन दोनों पबों ने किन-किन नियमों का उल्लंघन किया था और इसमे सरकारी अधिकारियों की क्या भूमिका थी। हाईकोर्ट ने इस कमेटी में उच्च न्यायालय के पैनल में कार्यरत आर्किटेक व नगर रचना विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी को शामिल करने का निर्देश दिया है।

सेवानिवृत्त जस्टिस होंगे नियुक्त

कमेटी के अध्यक्ष के रुप में किस सेवानिवृत्त जस्टिस को नियुक्त किया जाएगा, इसका फैसला 23 फरवरी को लिया जाएगा। शुक्रवार को न्यायमूर्ति आरएम बोर्ड व न्यायमूर्ति राजेश केतकर की खंडपीठ ने पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त जूलियो रिबेरो की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका के मुताबिक 29 दिसंबर 2017 को लगी मोजो ब्रिस्टो व ‘वन अबव’ पब में लगी आग में 14 लोगों की जान चली गई थी जबकि 30 लोग घायल हो गए थे। अग्निसुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन न किए जाने के चलते यह आग लगी थी। इसलिए इस मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाए।

मामले की आंतरिक जांच जारी

सुनवाई के दौरान मुंबई महानगरपालिका की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि फिलहाल मनपा की तरफ से इस मामले की आंतरिक जांच चल रही है। मनपा ने कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस भी जांच कर रही है। इसलिए फिलहाल मामले की न्यायिक जांच की जरुरत नहीं है। जबकि राज्य सरकार ने कहा कि मामले की न्यायायिक जांच हो या नहीं यह हम पूरी तरह से अदालत पर छोड़ते हैं। याचिका में उल्लेखित तथ्यों व सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त जस्टिस की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठन करने का निर्देश दिया। 

Created On :   16 Feb 2018 1:09 PM GMT

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