बैठक में हंगामा....आयुक्त-उपायुक्त गायब, प्रभारी के बैठक में आने को लेकर भिड़े कांग्रेस-भाजपा पार्षद

बैठक में हंगामा....आयुक्त-उपायुक्त गायब, प्रभारी के बैठक में आने को लेकर भिड़े कांग्रेस-भाजपा पार्षद
बैठक में हंगामा....आयुक्त-उपायुक्त गायब, प्रभारी के बैठक में आने को लेकर भिड़े कांग्रेस-भाजपा पार्षद

भाजपा पार्षदों ने स्थगित कराई परिषद की बैठक, कांग्रेस पार्षद बैठक कराने पर अड़े रहे, बहस के बाद एक प्रस्ताव पर भी नहीं लग सकी मुहर

जिटल डेस्क छिंदवाड़ा।नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त के बैठक में अनुपस्थित रहने पर शुक्रवार को परिषद की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा पार्षदों ने बीच बैठक में विरोध करते हुए बैठक स्थगित कर दी, बैठक निरस्त किए जाने के प्रस्ताव से बिफराए कांग्रेस पार्षदों ने भी विरोध करना शुरु कर दिया। कांग्रेस पार्षदों का कहना था कि पांच साल में अब तक सिर्फ 10 बैठकें हुई। ये ग्यारहवीं बैठक थी लेकिन उसे भी भाजपा नेताओं ने स्थगित कर दी है।
शुक्रवार दोपहर 2 बजे से नगर निगम परिषद की बैठक का आयोजन महापौर कांता सदारंग की अध्यक्षता में निगम सभागृह में किया गया था, लेकिन आयुक्त इच्छित गढ़पाले सहित उपायुक्त आरएस बाथम में से कोई भी बैठक में मौजूद नहीं था। बैठक लेने के लिए ईई एनएस बघेल को पहुंचा दिया गया था। इस बात को मुद्दा बनाते हुए भाजपा पार्षदों ने विरोध करना शुरु कर दिया। भाजपा पदाधिकारियों का कहना था कि ये पहला मौका नही है जब बैठक बुलाकर अधिकारी अनुपस्थित रहे हैं। एक सप्ताह पहले से बैठक के आयोजन की रूपरेखा तैयार हो गई थी। जब आयुक्त को पता था कि वे बैठक में नहीं आ सकते तो उन्हें परिषद की बैठक ही नहीं बुलानी थी। जैसे ही भाजपा पार्षदों ने बैठक स्थगित किए जाने का निर्णय लिया। कांग्रेस पार्षदों ने विरोध करना शुरु कर दिया। पार्षदों का कहना था कि जनहित के मुद्दे से बचने के लिए भाजपा ये बैठक स्थगित कर रही है। बैठक होनी चाहिए ताकि जो प्रस्ताव बैठक में रखे गए है उसका निराकरण जल्द हो सकें।
भाजपा के विरोध की वजह ये भी....
- भाजपा पार्षदों ने विरोध की कई वजह गिनाई। थोड़ी देर चली बैठक में पार्षदों का कहना था कि निगम अधिकारियों द्वारा बिना प्रस्ताव के शहर में कई काम करवाए जा रहे हैं। जिसकी खबर पार्षदों तक को नहीं रहती है।
- कई जगहों पर महापुरुषों की प्रतिमा शिफ्ट की जा रही है। शहर की सुंदरता के लिए इस पर  ऐतराज नहीं है लेकिन महापुरुष श्यामाप्रसाद मुखर्जी और अटलबिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव को महीनों पहले परिषद ने स्वीकृति दे दी लेकिन आज तक इस पर काम नहीं हुआ।
- निगम आयुक्त द्वारा एक सप्ताह पहले बैठक का एजेंडा और तारीख तय हो जाती है। आयुक्त नहीं तो कम से कम उपायुक्त को तो बैठक में रहना चाहिए, लेकिन दोनों का ही बैठक से गायब रहना गलत है। अब जब आयुक्त बैठक में रहेंगे तब ही परिषद की बैठक का आयेाजन किया जाएगा।
बड़ा गणित... विवादित मामला परिषद में
शुक्रवार को परिषद की बैठक में नागपुर रोड स्थित जमीन का मामला भी प्रस्ताव में शामिल किया गया था। जिसका भी भाजपा पार्षदों ने विरोध किया। प्रस्ताव में पुराना नागपुर नाका के पास स्थित तत्कालिक निकाय कर्मचारी मनोहर मालवी को 625 वर्गफिट जमीन दी गई थी। निगम ने प्रस्ताव रखा कि निगम की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उक्त भवन को खाली कराया जाए। ये वहीं जमीन है जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि ये जमीन खाली कराने के पीछे बड़े भू-माफिया लगे हुए है। अब मामला निगम की बैठक में आने पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
किसने क्या कहा...
- एक सप्ताह पहले बैठक का एजेंडा और तारीख तय हो चुकी थी उसके बाद भी कोई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं था। जबकि नियमों के अनुसार आयुक्त एजेंडा बनाकर भेजेगा तब ही परिषद की बैठक होगी।
धर्मेंद्र मिगलानी,
अध्यक्ष नगर निगम
- ये पहला मौका नहीं है जब वरिष्ठ अधिकारी बैठक में नहीं आए है। अब जब तक वरिष्ठ अधिकारी बैठक में नही आते हैं। तब तक बैठक नहीं होगी। इस मामले में भाजपा पार्षद नई रणनीति बनाएंगे।
शिव मालवी
सभापति, नगर निगम
- परिषद की बैठक सत्ता पक्ष ने अपने हित में कैंसिल करवाई। पांच साल में सिर्फ 10 बैठक ही अब तक हुई है ये 11वीं बैठक थी। जिसे निरस्त करवा दिया गया।  जनहित के जुड़े कई प्रस्तावों पर परिषद की मुहर नहीं लग पाई है।
वासु अली नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
 

Created On :   16 Nov 2019 3:07 PM IST

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