यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट काउंसिल में प्राचार्यों के मुद्दे पर घमासान

Conflict over the issue of principals in the management council of the university
यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट काउंसिल में प्राचार्यों के मुद्दे पर घमासान
यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट काउंसिल में प्राचार्यों के मुद्दे पर घमासान

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में  मैनेजमेंट काउंसिल में दो "कॉलेज प्राचार्यों" के मुद्दे पर कुलगुरु और मैनेजमेंट काउंसिल सदस्यों में  घमासान हुआ। जीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एन.वाय.खंडाईत और गणेशपेठ स्थित कुंभलकर कॉलेज ऑफ सोशल वर्क के प्राचार्य डॉ. जॉर्ज अगस्टिन के खिलाफ लगे अनियमितताओं के आरोप पर विवि कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे की कार्रवाई स्वयं विवि के मैनेजमेंट काउंसिल सदस्यों को रास नहीं आ रही है। इसी मुद्दे पर काउंसिल में सदस्यों ने आपत्ति दर्शाई है। 

यह है मामला  
दरअसल जीएस कॉलेज प्राचार्य डॉ. जी.एस.खंडाईत पर अवैध नियुक्ति के आरोप लग चुके हैं। इस मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी मुहर लगा चुकी है। लेकिन बीते दिनों विवि कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे ने डॉ. खंडाईत को मानवी आधार पर क्लीन चिट दे दी थी। कुलगुरु का तर्क था कि मामले को अब काफी वर्ष बीत चुके हैं और डॉ. खंडाईत के प्राचार्य बनने से किसी का नुकसान नहीं हुआ है, इसलिए उन्होंने डॉ. खंडाईत काे क्लीन चिट दी। वहीं डॉ. जॉर्ज अगस्टिन पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षकों के साथ मिल कर अपने कॉलेज के कुछ विद्यार्थियों को एजुकेशनल टूर के नंबर दे दिए, जबकि ये विद्यार्थी एजुकेशनल टूर पर आए ही नहीं थे। मामला ध्यान में आने पर इस मामले में कॉलेज प्राचार्य और शिक्षकों को आरोपी माना गया था। विवि ने अपनी डिसिप्लिनरी एक्शन कमेटी (डीएसी) को यह मामला भेजा था। लेकिन बीते कई महिनों से डीएसी ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

बैठक में ली गई आपत्ति 
मैनेजमेंट काउंसिल की बैठक में सदस्यों ने इन दोनों मामलों में कुलगुरु की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। सदस्य विष्णु चांंगदे के अनुसार ये दोनों प्राचार्य कुछ ही महीनों में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय जानबूझ कर इन पर कार्रवाई मंे देर कर रहा है। दोनों मामलों में राज्यपाल ने कुलगुरु से कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन कुलगुरु ने जिस तरह से कार्रवाई की वह संदेहास्पद है। डॉ. खंडाईत को किन नियमों के  आधार पर क्लीन चिट दी गई यह समझ के परे है। वहीं डीएससी अब तक डॉ. अगस्टिन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, यह भी कई संदेह खड़े करता है। अंतत: कुलगुरु ने चांगदे को उक्त प्रकरण में कार्रवाई की रिपोर्ट देने का निर्णय लिया।
 

Created On :   25 Dec 2019 1:58 PM IST

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