एग्जाम,रिजल्ट और  टाइमटेबल ने उलझाया, सेमेस्टर प्रणाली से बढ़ी परेशानी

confused by the result and timetable, increased trouble with semester system
एग्जाम,रिजल्ट और  टाइमटेबल ने उलझाया, सेमेस्टर प्रणाली से बढ़ी परेशानी
एग्जाम,रिजल्ट और  टाइमटेबल ने उलझाया, सेमेस्टर प्रणाली से बढ़ी परेशानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सेमेस्टर प्रणाली ने स्टूडेंट्स ही नहीं कालेजों के लिए भी परेशानी बढ़ा दी है। एग्जाम के लिए लगने वाले प्रोसेस खत्म ही नहीं होते और दूसरा एग्जाम आ जाता है जिससे स्टूडेंट्स तनाव में आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर प्रणाली को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। बगैर बुनियादी बदलाव के बीए जैसे अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में सीधे यह प्रणाली लागू कर देना विद्यार्थियों, शिक्षकों और कॉलेजों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।  बीए में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से इसका असर शैक्षणिक स्तर पर पड़ने लगा है। एक तो 6 माह का सेमेस्टर, उस पर बीए के 54 विषय। ऐसे में इस प्रणाली के तहत करीब 4 महीने परीक्षा के आयोजन में ही बीत रहे हैं। ऐसा ही कुछ आलम अन्य आर्ट्स, साइंस और कामर्स पाठ्यक्रमों का है।

हजारों स्टूडेंट्स देते हैं एग्जाम
बता दें कि बीए, बीएससी और बी.कॉम जैसे पाठ्यक्रमों में एक लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। इसमें बीए में देखें तो हर वर्ष 40 हजार विद्यार्थी एडमिशन लेते है। कुलमिला कर नजर डालें तो बीए की परीक्षा में तीनों वर्षों को मिलाकर 80 हजार के करीब विद्यार्थी शामिल होते हैं। ऐसे में मार्च में शुरू होने वाली यह परीक्षा मई और जून माह तक चलती है। परिणाम आने में जुलाई माह तक का समय लग जाता है। तुरंत बाद अगले सेमेस्टर की परीक्षा का टाइमटेबल आता है और फिर परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाता है। 

सीनेट की बैठक में भी उठा था मुद्दा
 ऐसे में सेमेस्टर पैटर्न में परीक्षाओं पर परीक्षा ने विद्यार्थियों को परेशान कर रखा है। न केवल इससे शैक्षणिक बल्कि विद्यार्थियों की सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है।  हाल ही में आयोजित सीनेट की बैठक में यह मुद्दा गूंजा तो प्रणाली के विरोध में कई स्वर उठने लगे। सेमेस्टर प्रणाली से परेशान शिक्षा वर्ग का मुद्दा सीनेट ने एक स्वर में उठाया और यह प्रणाली ही रद्द करने की मांग बुलंद हुई। अब यूनिवर्सिटी और राज्य उच्च शिक्षा विभाग इस पर क्या समाधान निकालता है, सबकी निगाहें टिकी है।

Created On :   5 March 2018 1:00 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story