आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हो सकता है कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन

Congress and NCP alliance may be done before Lok Sabha elections
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हो सकता है कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हो सकता है कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस भले ही गुजरात विधानसभा में जीत नहीं दर्ज करा पाई, लेकिन पार्टी के बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस-राकांपा के विधायक चाहते हैं कि भाजपा को परास्त करने के लिए दोनों को हाथ मिलाना चाहिए। साथ ही आगामी चुनाव भी साथ मिलकर ही लड़ना चाहिए। फिलहाल कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को लेकर दोनों दलों के नेता सकारात्मक दिखाई दे रहे हैं। संभावना है कि यह गठबंधन साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अस्तित्व में आ सकता है। दोनो ही दलों के नेताओं का मानना है कि यदि कांग्रेस और राकांपा गठबंधन हुआ, तो महाराष्ट्र में 50 फीसदी वोट मिल सकते हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले अस्तित्व में आ सकता है गठबंधन

उपराजधानी नागपुर में विधानसभा सत्र शुरु होने से पहले कांग्रेस-राकांपा ने संयुक्त रुप से मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उनकी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल मोर्चा निकाला था। इस दौरान पार्टी ने भारी भीड़ जुटाई थी, जिसे देखकर दोनों दलों के नेता खासे उत्साहित हैं। गुजरात के उत्साहजनक नतीजों ने भी कांग्रेस में नया जोश पैदा किया है। इसलिए गठबंधन की सुगबुगाहट तेज होती नजर आ रही है।

गठबंधन टूटने से हुआ था नुकसान

साल 2014 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और राकांपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। जबकि शिवसेना-भाजपा भी अपने-अपने बल पर चुनाव मैदान में उतरी थी। इस चुनाव में कांग्रेस को 17.96 फीसदी और राकांपा को 17.88 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस को 42 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थी। वहीं, भाजपा ने 27.8 प्रतिशत वोट हासिल कर 122 सीटों पर कब्जा जमाया था। जबकि शिवसेना ने 19.3 प्रतिशत वोट हासिल कर 63 सीटें जीती थीं।

सूबे में भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल

विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल का मानना है कि सूबे में भाजपा सरकार के खिलाफ जिस तरह का माहौल है। उससे पिछले चुनाव की तुलना में आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन का वोट करीब 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा। कांग्रेस के विधायक और पूर्व राज्यमंत्री सतेज पाटिल का कहना है कि गुजरात में कांग्रेस के परंपरागत मतदाता मुस्लिम, दलित एक बार फिर से कांग्रेस के साथ आए हैं।

कांग्रेस-राकांपा समान विचाराधारा वाले दल

कांग्रेस विधायक सुनील केदार के मुताबिक राज्य में बड़े पैमाने पर ओबीसी मतदाताओं का भी कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को समर्थन मिलेगा। जाहिर है कि इससे परिस्थिति बदलेगी। खासतौर से दोनों दलों के युवा विधायक चाहते हैं कि कांग्रेस-राकांपा फिर से एक साथ मिलकर चुनाव लड़े। कांग्रेस-राकांपा समान विचाराधारा वाले दल हैं। पहले भी मिलकर चुनाव लड़े और लंबे समय तक एक साथ सरकार चला चुके हैं। इसलिए दोनों दलों को एक साथ आने में कोई समस्या नहीं होगी। 

Created On :   21 Dec 2017 7:57 PM IST

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