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कांग्रेस का राज्य सरकार पर बड़ा निशाना, पंचायत चुनाव परिणाम की छिपाई जा रही सच्चाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। बुधवार को वडेट्टीवार ने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव में उनकी पार्टी सबसे आगे रही है। विदर्भ में भी कांग्रेस ने सफलता पाई है। भाजपा की सत्ता से वापसी का दौर शुरु हो गया है। ग्राम पंचायत चुनाव के परिणाम को लेकर भाजपा कहीं-कहीं सच्चाई को छिपाने का प्रयास कर रही है। भाजपा को लगता है कि वह किसी भी जिले में कांग्रेस से आगे है, तो उसे गांव स्तर पर अपने जीते उम्मीदवारों के आंकड़े घोषित करना चाहिए। बुधवार को रामदासपेठ स्थित अपने आवास पर श्री वडेट्टीवार पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
नहीं समझ रही सरकार
वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव में सबसे अधिक 983 सरपंच कांग्रेस के चुने गए हैं। भाजपा के 687, राकांपा 400, शिवसेना 151 व अन्य संगठनों के 289 सरपंच चुने गए हैं। नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा और अमरावती में भी कांग्रेस ही सबसे आगे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, नागपुर के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, गोंदिया के पालकमंत्री राजकुमार बडोले के दत्तक गांव में भी भाजपा पराजित हुई है। राज्य में कर्जमाफी का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया है। सरकार के दावे निराधार साबित हो रहे हैं। किसानों ने केवल फसल के लिए ही कर्ज नहीं लिए हैं। मवेशी या अन्य कृषि कार्य के लिए भी कर्ज लिए हैं। सरकार किसानों की स्थिति को समझ नहीं पा रही है। कृषि उपज का समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। कृषि मंडियों में समिति की स्थिति ठीक नहीं हैं।
उतरने लगा गुटबाजी का नशा
शहर कांग्रेस में गुटबाजी के मामले पर वडेट्टीवार ने कहा कि अब यहां गुटबाजी का नशा उतरने लगा है। पहले गुटबाजी चरम पर पहुंच गई थी, इससे पार्टी का ही नुकसान हुआ है। प्रदेश कार्यकारिणी में स्थानीय नेताओं को अन्य जिलों से प्रतिनिधित्व दिए जाने और उस मामले की शिकायत केंद्रीय स्तर पर किए जाने के प्रश्न पर वडेट्टीवार ने कहा कि जो हमेशा शिकायतें करते हैं, उनके बारे में यही कहा जा सकता है कि वे शिकायत करते रहें। गुटबाजी और स्थानीय नेताओं की कार्यशैली के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को रिपोर्ट दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष पर मंच पर स्याही फेंकनेवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे पहले भी अन्य जिलों से प्रदेश प्रतिनिधि बनते रहे हैं। लिहाजा नागपुर के नेताओं की नियुक्ति पर विवाद नहीं होना चाहिए।
Created On :   20 Oct 2017 11:58 AM IST