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तीन दिन में व्यवस्था बनाने के आश्वासन पर माने कांग्रेस विधायक, धरना समाप्त किया

डिजिटलय डेस्क छिंदवाड़ा। तीन दिनों में व्यवस्था बनाने के आश्वासन पर आखिरकार कांग्रेस विधायकों का अनिश्चितकालीन धरना रविवार रात करीब साढ़े 8 बजे समाप्त हो गया। कांग्रेस विधायकों को मनाने जिले के प्रभारी व प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद भदौरिया ने फोन पर चर्चा की। मंत्री की पहल पर ही कलेक्टर व एसपी ने पुलिस कंट्रोल रूम में विधायकों की ओर से चर्चा करने पहुंचे पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना और जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे से चर्चा की। उन्हें व्यवस्था बनाने प्रयासरत होने की जानकारी दी। साथ ही तीन दिन के भीतर व्यवस्था बनाकर फिर विधायकों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया। तब जाकर शनिवार दोपहर दो बजे से शुरू होकर करीब 30 घंटे का धरना रविवार रात को समाप्त हो पाया। अनिश्चितकालीन धरने पर पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, परासिया विधायक सोहन वाल्मिक, सौंसर विधायक विजय चौरे, अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह, जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके व पांढुर्ना विधायक नीलेश उइके उपस्थित रहे।
खुले आसमान में दरी में सोए, चादर ओढ़कर रात गुजारी:
जिले में यह पहला मौका था जब आधा दर्जन विधायकों ने एक साथ धरना दिया। बिना पंडाल के शनिवार को धूप में बैठे रहे। रात का भोजन भी वहीं किया। वहीं दरी पर चादर ओढ़कर रात गुजारी। हालांकि तीन पलंग व बिस्तर की व्यवस्था कार्यकर्ताओं ने कर रखी थी। रविवार को भी पूरे दिन विधायक धरना स्थल पर बैठे रहे। जबकि शाम से उन्हें मनाने के प्रयास तेज हुए। जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री ओक्टे का कहा कि कलेक्टर के तीन दिनों में व्यवस्था बनाकर अवगत कराने के आश्वासन पर धरना समाप्त किया है। जनहित में विधायकों और कांग्रेस का संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
अंदर की बात... अड़े रहे विधायक और अफसर
कोविड मरीजों के इलाज की सुविधाएं बढ़ाने प्रभारी मंत्री को ज्ञापन व चर्चा के बाद भी सुधार नहीं होने से खफा कांग्रेस विधायकों ने धरना दिया। उन्हें मनाने शनिवार को दो बार एसडीएम व एएसपी धरना स्थल पहुंचे। विधायक प्रोटोकाल के अनुसार सक्षम अधिकारी यानी कलेक्टर से धरना स्थल पर आकर आश्वासन चाह रहे थे। देर रात तक कलेक्टर नहीं पहुंचे। जिससे धरना जारी रहा। नाराज विधायकों ने रात धरना स्थल पर ही गुजारी। रविवार को भी डटे रहे। शाम को प्रभारी मंत्री श्री भदौरिया ने पूर्व मंत्री से फोन पर चर्चा की। फिर कलेक्टर ने चर्चा के लिए ऑफिस बुलाया। बाद में तय हुआ कि चर्चा और कहीं होगी। कलेक्टर धरना स्थल नहीं आए तो विधायक भी उनसे बात करने नहीं गए। कंट्रोल रूम में पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना और विश्वनाथ ओक्टे ने पहुंचकर कलेक्टर व एसपी से बात की।
Created On :   19 April 2021 6:25 PM IST