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कल मुंबई में कांग्रेस विधायकों की बैठक, दिल्ली से होगा दल के नेता का फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई में शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई है। समझा जा रहा है कि बैठक विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए बुलाई गई है। लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायक दल नेता के बारे में अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। फिलहाल सभी कांग्रेस विधायकों को मुंबई में पहुंचने को कहा गया है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार दोपहर 1 बजे कांग्रेस विधायकों की बैठक विधानभवन में बुलाई गई है। भाजपा, शिवसेना और राकांपा ने अपने विधायक दल के नेताओं का चुनाव पहले ही कर लिया है, लेकिन अभी तक कांग्रेस विधायक दल के नेता चुनाव नहीं हो सका था। पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तिलक भवन में एक बैठक भी बुलाई गई थी, लेकिन इसमें कोई फैसला नहीं हो पाया। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस विधायक दल के नेता के नाम का एलान विधानसभा अधिवेशन की तिथि तय होने के बाद होगा। फिलहाल कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन चुना जाएगा इसे लेकर अटकलों का दौर शुरु है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोरात के विधायक दल नेता चुने जाने की संभावना है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वडेट्टीवार के नाम भी चर्चा में है। यह भी चर्चा है कि कांग्रेस-राकांपा और शिवसेना की आघाडी में बाला साहेब थोरात को उपमुख्यमंत्री पद मिल सकता है। उन्हें राजस्व विभाग का प्रभार भी मिल सकता है। यदि कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष का पद मिलता है तो इस पर अशोक चव्हाण या पृथ्वीराज चव्हाण में से कोई एक नाम आगे आ सकता है।
लगभग सभी मुद्दों पर बनी सहमति
महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और राकांपा के बीच की चर्चा अंतिम चरण में पहुंच गई है। गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर अधिकृत रुप से सहमति प्रदान कर दी है। सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के सरकारी आवास पर कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के बीच चर्चा हुई। बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मीडिया को बताया कि दोनों दलों ने सभी मुद्दों पर चर्चा पूरी कर ली है और दोनों के बीच सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। उन्होने कहा कि शुक्रवार को हम मुंबई में अपने सहयोगी दलों के साथ चर्चा करेंगे। उसके बाद शिवसेना के साथ चर्चा होगी। मुख्यमंत्री तथा सरकार में किसकी कितनी हिस्सेदारी होगी, इन सभी सवालों का जवाब शिवसेना के साथ चर्चा के बाद दिया जायेगा। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को ही मुंबई में सरकार गठन तथा इसकी पूरी रुपरेखा के बारे में घोषणा की जा सकती है। तीनों दलों की मिलकर बनने वाली सरकार में कांग्रेस और राष्ट्रवादी के हिस्से में उपमुख्यमंत्री पद और शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा यह अब लगभग तय माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार शरद पवार, राकांपा और कांग्रेस के नेता चाहते है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही बने। सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि यह कहा जा रहा है कि बालासाहेब थोरात की उपमुख्यमंत्री के बजाय राजस्व मंत्री बनने की चाहत है। वहीं राष्ट्रवादी से अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष पद कांग्रेस-एनसीपी दोनों ही चाहते है। यदि विधानसभा अध्यक्ष पद कांग्रेस को मिलता है तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण में से किसी एक को बनाया जा सकता है।
कांग्रेस का कल चुनाव जायेगा विधायक दल का नेता
दिल्ली में दो दिन तक चले मैराथान बैठकों के दौर के बाद शुक्रवार को मुंबई में बैठकों का दौर चलेगा। तीनों दलों के नेताओं के साथ बैठक होने के बाद शाम 4 बजे कांग्रेस नेताओं की बैठक होगी। जिसमें पार्टी विधायक दल का नेता चुना जायेगा। इसके लिए दिल्ली से महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकाअर्जुन खडगे, वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री, महासचिव के सी वेणुगोपाल मुंबई रवाना हुए है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने सोनिया-पवार जल्द लें निर्णय- भावना
वहीं शिवसेना सांसद भावना गवली ने महाराष्ट्र में किसानों की मदद के लिए प्रदेश में जल्द सरकार गठन की वकालत की है। इसके लिए उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा सुप्रीमों शरद पवार से जल्द फैसला करने का आग्रह किया है। भावना गवली ने यह मसला गुरूवार को लोकसभा मंे शून्यकाल के दौरान उठाया। महाराष्ट्र में किसानों की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि हमारी पार्टी शिवसेना और पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि किसानों को यथाशीघ्र मुआवजा मिले। शिवसेना तो किसानों का पूरा कर्ज माफ करने के पक्ष में है। लेकिन यह तभी होगा जब प्रदेश में चुनी हुई सरकार होगी। शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा की बनने वाली सरकार मंे हो रही देरी से आशंकित भावना गवली ने सदन में सोनिया गांधी और शरद पवार को याद किया और उनसे आग्रह किया कि इस दिशा में वे जल्द फैसला करें ताकि सरकार बनें और किसानों की समस्याओं का निराकरण हो। उन्होने कहा कि महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, क्योंकि उनकी खरीफ फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
Created On :   21 Nov 2019 7:32 PM IST