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जस्टिस लोया मामले को लेकर कांग्रेस ने किया सरकार का विरोध
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीआई जस्टिस बृजगोपाल लोया की मृत्यु के मामले की न्यायिक जांच की मांग के साथ मध्य नागपुर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार का विरोध किया। शनिवार को चितारओली स्थित गांधी प्रतिमा के सामने कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में नारे लगाए। 2014 में जस्टिस लोया की नागपुर में ही मौत हुई थी। इस मामले में हत्या का संदेह भी जताया गया है। फिलहाल उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को इस मामले की जांच के लिए कहा है।
कार्यकर्ताओं ने जमकर किया विरोध
विराेध प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व मंत्री अनीस अहमद, कांग्रेस के प्रदेश सचिव अतुल कोटेचा, जुल्फेकार भुट्टो, प्रज्ञा बडवाइक, आयशा अंसारी, रिंकू जैन, सैयदा बेगम निजाम, कल्पना फुलबांधे ने किया। अहमद व कोटेचा ने इस प्रकरण के विविध संदिग्ध पहलुओं का जिक्र करते हुए कहा कि मामले में कई बड़े लोगों के शामिल होने से इस प्रकरण की न्यायिक जांच होना चाहिए। प्रदर्शनकारियों में अशोक निखाड़े, मुश्ताक हुसैन, वसीम खान, ऋषि कोचर, लोकेश बरडिया, इरफाज काजी, अलाउद्दीन अंसारी, अश्विनी झवेरी और अन्य शामिल थे।
ये है मामला
बता दें कि शीर्ष अदालत ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश बृजगोपाल हरकिशन लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु को "गंभीर मामला" बताते हुए महाराष्ट्र सरकार को उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि इस मामले में 15 जनवरी तक वह जवाब दाखिल करें। पीठ ने कहा था कि मामले की एक तरफा सुनवाई की बजाए द्विपक्षीय सुनवाई की जरूरत है।
कौन हैं जस्टिस लोया?
जस्टिस बृजगोपाल लोया सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज थे। उनकी मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में उस वक्त हुई थी, जब वो अपने सहयोगी की बेटी की शादी में शिरकत करने जा रहे थे। जिस वक्त उनकी संदिग्ध हालत में मौत हुई थी, तब वो चर्चित सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले को देख रहे थे। इस मामले में बीजेपी राष्ट्रीय अमित शाह आरोपी थे, जिन्हें बाद में मामले से बरी कर दिया गया था।
Created On :   14 Jan 2018 11:16 AM GMT