मंत्रालय की ‘अशुभ’ केबिन से अजित को परहेज, सरकार में कांग्रेस मांगे और मंत्रीपद, शिवसेना के भी कई विधायक नाराज

Congress still demands more ministries in Maharashtra government
मंत्रालय की ‘अशुभ’ केबिन से अजित को परहेज, सरकार में कांग्रेस मांगे और मंत्रीपद, शिवसेना के भी कई विधायक नाराज
मंत्रालय की ‘अशुभ’ केबिन से अजित को परहेज, सरकार में कांग्रेस मांगे और मंत्रीपद, शिवसेना के भी कई विधायक नाराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में चार बार उपमुख्यमंत्री बनने का रिकॉड बनाने वाले राकांपा के अजित पवार ने मंत्रालय की मुख्य इमारत की छठवीं मंजिल पर स्थित अशुभ मानी जाने वाली केबिन लेने से परहेज किया है। फडणवीस सरकार में यह केबिन पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे, पूर्व मंत्री पांडुरंग फुंडकर और पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को आवंटित की गई थी। अजित ने अपने स्थायी कार्यालय के रूप में मंत्रालय की छठवीं मंजिल पर स्थित राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की केबिन पंसद की है। यह केबिन राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता के केबिन के पास है। हालांकि अजित ने अभी मंत्रालय में अस्थायी रूप से पहली मंजिल पर बैठना शुरू कर दिया है। अजित ने मंत्रालय की छठी मंजिल की 602 नंबर केबिन को लेने से परहेज किया है। फडणवीस सरकार में उस केबिन में तत्कालीन राजस्व व कृषि मंत्री खडसे बैठते थे। थोड़े दिनों बाद खडसे को पुणे में जमीन खरीद के मामले में इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद कृषि मंत्री फुडंकर को यह केबिन आवंटित हुई लेकिन बाद में फुडंकर का निधन हो गया। इसके बाद यह केबिन नए कृषि मंत्री बने अनिल बोंडे को दी गई। विधानसभा चुनाव में बोंडे को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद से मंत्रालय में इस केबिन को लेकर अलग-अलग चर्चा शुरू है। सूत्रों के अनुसार ठाकरे सरकार के किसी मंत्री ने इस केबिन को लेने में रुचि नहीं जताई है। मंगलवार को अजित ने कहा कि मंत्रालय की छठवीं मंजिल पर उपमुख्मंत्री के लिए कोई आधिकारिक केबिन नहीं थी। फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री पद नहीं था। इसलिए छठवीं मंजिल पर स्थित केबिन में दीवार बनाकर विभाजित कर दिया गया है। फिलहाल मैंने अतिरिक्त मुख्य सचिव कुंटे की केबिन में अपना कार्यालय बनाने का फैसला किया है। इससे मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की केबिन एक साथ छठवीं मंजिल पर होगी। छठवीं मंजिल पर एक ओर मुख्यमंत्री, दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री और बीच में मुख्य सचिव बैठेंगे। इससे कामकाज में भी सुविधा होगा। राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए गए मंत्रियों को अभी तक सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से मंत्रालय में केबिन और बंगला आवंटित नहीं हुआ है। नए मंत्रियों में मंत्रालय में अपनी पंसद की केबिन पर कब्जा जमाने की होड़ लगी है। मंत्रियों के समर्थकों ने केबिन के दरवाजे पर कागज चस्पा कर दिया है। शिवसेना के कैबिनेट मंत्री उदय सामंत ने मंत्रालय में पांचवीं मंजिल की केबिन पंसद की है। फडणवीस सरकार में इस केबिन में तत्कालिन जलसंरक्षण मंत्री तानाजी सावंत बैठते थे। शिवसेना के ही कैबिनेट मंत्री संजय राठोड ने मंत्रालय की पुरानी इमारत की छठवीं मंजिल की केबिन पसंद की है। फडणवीस सरकार में इस केबिन में वर्तमान नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे बैठते थे। वहीं शिवसेना कोटे से राज्य मंत्री बने निर्दलीय विधायक राजेंद्र पाटील यड्रावकर ने पूर्व कृषि राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत की छठवीं मंजिल की केबिन पसंद की है। 
 

सरकार में कांग्रेस मांगे और मंत्रीपद

महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार में कांग्रेस के हिस्से में 12 मंत्री पद आए है, लेकिन पार्टी इतने मंत्री पदों पर नाखुश है। पार्टी अपने हिस्से में और मंत्री पद चाहती है। मंगलवार को नई दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पार्टी के नवनियुक्त मंत्रियों की बैठक हुई जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
कांग्रेस महासचिव एवं महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जून खडगे के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोरात और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच और मंत्री पद मिलने के लिए चर्चा करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात कर यह मांग रखी जाएगी। बैठक में पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जून खडगे, बासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, विजय वड्डेटिवार, नितिन राऊत समेत सभी नवनियुक्त मंत्री मौजूद थे। इससे पहले कांग्रेस के सभी नवनियुक्त मंत्रियों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कराए जाने के लिए अपने आलाकमान का आभार प्रकट किया। सूत्रों के अनुसार इस दौरान सोनिया गांधी ने चुनाव में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना की और मंत्रियों को शुभकामनाएं दी। गांधी ने नए मंत्रियों को निर्देश दिए कि वह पार्टी को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करें और उन नेताओं को संतुष्ट करें जिन्हें सरकार में स्थान नही मिला है। मुलाकात करने वालों में के सी पाडवी, अमित देशमुख, सुनील केदार, वर्षा गायकवाड, यशोमति ठाकुर, अस्लम शेख, सतेज पाटील, विश्वजीत कदम आदि शामिल थे। बता दें कि सोमवार को ठाकरे सरकार में पार्टी के 10 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली

आश्चर्य है कि मुझे मंत्री नहीं बनायाः भास्कर जाधव

उधर ठाकरे सरकार में मंत्री न बनाए जाने से शिवसेना के नाराज विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को रत्नागिरी की गुहागर सीट से शिवसेना के विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि मैं नाराज नहीं हूं लेकिन इस बात का आश्चर्य हुआ कि मुझे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। जाधव ने कहा कि मैं पूरी तरह से निश्चिंत था कि मैं मंत्रिमंडल में रहुंगा। जाधव ने कहा कि विधानसभा में शिवसेना के सभी विधायकों में से सबसे ज्यादा बार मैं निर्वाचित हुआ हूं। विधानसभा चुनाव से पहले जब मैं राकांपा से शिवसेना में शामिल हुआ था तो शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुझे आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि राकांपा में जाने से पहले जब मैं शिवसेना में था, उस वक्त पैदा हुई कटुता शायद अभी तक खत्म नहीं हुई। जाधव ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा है। उनसे मुलाकात के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। वहीं ठाणे से शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कहा कि पार्टी को मैं काबिल नहीं लगा होऊंगा। इसलिए मुझे मंत्री नहीं बनाया गया। शिवसेना के विधायक सुनील राऊत, कोल्हापुर के शिवसेना विधायक प्रकाश आंबिटकर, परभणी के शिवसेना विधायक राहुल पाटील, उस्मानाबाद के शिवसेना विधायक तानाजी सावंत, शिवसेना समर्थक निर्दलीय विधायक आशीष जैसवाल भी नाराज हैं।

Created On :   31 Dec 2019 8:47 PM IST

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