ठंडे पानी के नाम पर ठगे जा रहे उपभोक्ता - बिना लाइसेंस चमक रहा कारोबार

Consumers being cheated on the name of cold water by private water
ठंडे पानी के नाम पर ठगे जा रहे उपभोक्ता - बिना लाइसेंस चमक रहा कारोबार
ठंडे पानी के नाम पर ठगे जा रहे उपभोक्ता - बिना लाइसेंस चमक रहा कारोबार

डिजिटल डेस्क सौंसर । नगर में बिना लाइसेंस पानी का कारोबार चमक रहा है। पानी के TDS का मापदंड हाशिए पर है। संबंधित विभाग के अफसरों को जानकारी है लेकिन कार्रवाई की इच्छा शक्ति नहीं है। गर्मी और विवाह का सीजन होने से बाजार में पानी की मांग बढ़ी हैं। इस कारोबार से जुड़े लोग ठंडे पानी के नाम पर लोगों को लूट रहे हैं। पानी की बिक्री खुली हो रही है इसलिए भारतीय मानक ब्यूरो के नियम इन पर लागू नहीं होते।

संचालक इसी का लाभ उठा कर मात्र ठंडा पानी जिसमें TDS का कोई मापदंड नहीं है। बाजार में बेच रहे है। सौंसर नगर में आधा दर्जन के अलावा पिपला नारायणवार व रामाकोना में एक-एक पानी का चिलिंग प्लांट है। प्लांट संचालकों द्वारा खुले बाजार में पानी की सप्लाई की जा रही है। ज्यादातर प्लांट रजिस्टर नहीं है। 20 लीटर कैन के बाजार में सामान्य दिनों में 15 से 20 रुपए वसूले जाते है जो गर्मी में इसका दाम 30 रु. तक पहुंच जाता है। 

वाटर कैन पर यह अंकित हो 
बाजार में बेचे जा रहे पानी के वाटर कैन पर सिर्फ संबंधित प्रतिष्ठान का नाम भर होता है। कैन के पानी में सोडियम, नमक, मैग्नीशियम  की मात्रा, प्लांट संचालक का पूरा पता, हैल्पलाईन नंबर, पानी की कीमत टैक्स समेत लिखी होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा हैं। 

नगरी निकाय की अनुमति नहीं 
चिलिंग प्लांट के लिए आवश्यक पानी पूर्ति हेतु संबंधित प्लांट को टयूबवेल खनन या पानी के स्त्रोत की व्यवस्था करनी होती है। इसके लिए नगर निकाय की अनुमति आवश्यक है। नपा. कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नगर में संचालित किसी भी चिलिंग प्लांट ने ट्यूबवेल खनन या पानी के अन्य स्त्रोत के लिए कोई अनुमति नहीं ली है। 

विभागों में असमंजस 
बाजार में बिक रहे खुले पानी के मापदंडो की जांच हो या फिर प्लांट संचालन की आवश्यक प्रमाणों की पूर्ति के संबंध में नगरीय निकाय के अलावा खाद्य विभाग के अधिकारी असमंजस में है। प्रशासन के संबंधित विभाग का नियंत्रण नहीं होने व किसी प्रकार के जांच आदि की झंझट नहीं होने से इस कारोबार में पानी पीने वाले ठगे जा रहे है। 

इनका कहना है 
नगर में ऐसे कितने प्लांट संचालित हो रहे जानकारी नहीं है, लेकिन किसी भी प्लांट ने ट्यूबवेल खनन के लिए इस कार्यालय से अनुमति नहीं ली है और नहीं वह पंजीकृत हैं। 
- शेख अख्तर सीएमओ नपा. 

पानी की शुद्धता की जांच करने की जिम्मेदारी फूड एंव औषधी नियंत्रण विभाग की है। सिर्फ पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर ही खाद्य विभाग के नियंत्रण में है। 
-सरफरोज खान सहायक आपूर्ति अधिकारी 

Created On :   20 April 2018 12:06 PM GMT

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