कॉलेजों में भागवत गीता बांटने को लेकर नाराज विपक्ष, सरकार ने झाड़ा पल्ला

Controversy creates on sharing of Bhagwat Geeta in the colleges
कॉलेजों में भागवत गीता बांटने को लेकर नाराज विपक्ष, सरकार ने झाड़ा पल्ला
कॉलेजों में भागवत गीता बांटने को लेकर नाराज विपक्ष, सरकार ने झाड़ा पल्ला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाविद्यालयों में भागवत गीता बांटने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। जबकि सरकार ने यह कहते हुए इससे पल्ला झाड़ लिया है कि इस मामले में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। एक निजी संस्था भागवत गीता बांटना चाहती है। दरअसल उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी परिपत्र अनुसार मुंबई में नैक (एनएएसी) की ए और ए प्लस श्रेणी के गैरसरकारी अनुदानित 100 कॉलेजों में छात्रों को श्रीमद भागवत गीता बांटी जाए। उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार भागवत गीता वितरण संबंधी आदेश में यह भी कहा गया है कि महाविद्यालय के प्राचार्य इसकी रसीद भी विभाग को भेजें। इस पर कांग्रेस और राकांपा व सपा के नेताओं ने भाजपानीत सरकार पर शिक्षा विभाग के जरिए हिंदुत्ववादी एजेंडा लागू करने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हम इस धार्मिक ग्रंथ का विरोध नही करते पर सरकार इसके जरिये धार्मिक ध्रुवीकरण करना चाहती है।

राजनीतिक लाभ लेना चाहती है सरकार: नसीम खान

राज्य के पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और कांग्रेस विधायक नसीम खान ने कहा कि हम भागवत गीता का सम्मान करते हैं। दरअसल 4 वर्षो में हर मोर्चे पर विफल भाजपा सरकार धार्मिक पुस्तक के जरिये राजनीतिक लाभ हासिल करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कल कोई बाइबिल और कुरान बांटने की बात कहेगा तो क्या कालेजो में धार्मिक पुस्तकें ही पढ़ाई जाएंगी। खान न कहा कि महाविद्यालयों में संविधान की प्रति बांटनी चाहिए। जिससे देश चल रहा है। राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शिक्षामंत्री  विनोद तावड़े के धार्मिक ज्ञान पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षामंत्री ने यह आदेश मीडिया में सुर्खियां पाने के लिए दिया है।

सरकारी का कोई संबंध नही: तावड़े 

वहीं, शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि कांग्रेस, राकांपा और समाजवादियों को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या श्रीमदभागवत में श्रीकृष्ण ने गलत उपदेश दिया है। इसलिए छात्रों में इसे न बांटा जाए। साथ ही, उन्होंने सफाई दी कि सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है और न ही भागवतगीता के लिए पैसे दिए गए हैं। भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट ने महाविद्यालयों में श्रीमदभागतगीता के 18 खंड का वितरण मुफ्त में किया है। हालांकि ट्रस्ट ने राज्य सरकार के जरिए श्रीमदभागत गीता वितरित करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन, शिक्षा विभाग ने ट्रस्ट के माध्यम से वितरित करने को कहा। शिक्षा विभाग की ओर से केवल उन महाविद्यालयों की सूची दी गई थी जो ए और ए प्लस श्रेणी में आते हैं।

जब आव्हाड के छूटे पसीने

अपने बड़बोलेपन के लिए पहचाने जाने वाले राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड के उस वक्त पसीने छूट गए जब न्यूज़ चैनलों के सामने पूरा भागवत गीता याद होने के उनके दावे की पोल खुल गईं। दरअसल हुआ यह कि कालेजों में भागवत गीता बांटने के विवाद को लेकर आव्हाड ने विधान भवन परिसर में मीडियाकर्मियों से कहा कि सरकार गीता के बहाने राजनीति कर रही है जबकि मुझे तो पूरा भागवत गीता याद है। इस पर एक पत्रकार ने कहा कि भागवत गीता के दो श्लोक सुना दे। इसके बाद तो आव्हाड की बोलती बंद हो गई। दो शब्द नही सुना सके। 

Created On :   12 July 2018 5:32 PM IST

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