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Corona : नागपुर में 1629 नए कोरोना पॉजिटिव, संघ मुख्यालय में भी पहुंचा कोविड-19
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में कोरोना की तेज होती रफ्तार को रोकने में अभी कामयाबी नहीं मिल पा रही है। आंकड़े रोज अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। शनिवार को 6854 लोगों की जांच की गई, जिसमें 1629 नए संक्रमित मिले। अब कुल संक्रमितों का आंकड़ा 62000 पार हो गया है। 24 घंटे में कोरोना से मरने वालों की संख्या 52 रही। कुल 1629 नए पाॅजिटिव नमूनों में मेयो से 272, मेडिकल से 172, एम्स से 111, नीरी से 238, निजी लैब से 429 और एंटीजन से 407 नमूने पाॅजिटिव आए हैं। इन मरीजों में 370 ग्रामीण, 1253 शहर और 6 जिले के बाहर के हैं। इन्हें मिलाकर कुल संक्रमित 62531 हो गए हैं। 52 लोगों की मौत हुई, जिसमें से 12 ग्रामीण, 34 शहर और 6 जिले के बाहर के हैं। कुल मृतकों की संख्या 1992 हो गई है। शनिवार को कुल 1550 मरीज स्वस्थ होकर घर गए। इन्हें मिलाकर कुल 49946 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें 28037 होम आइसोलेट हुए मरीज भी शामिल हैं, जो स्वस्थ हो चुके हैं। इस कारण रिकवरी दर 79.88 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
संघ मुख्यालय में भी पहुंचा कोविड-19
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महल स्थित मुख्यालय में भी काेविड-19 पहुंच चुका है। कोरोना के प्रभाव से करीब 10 स्वयंसेवकों को क्वारेंटाइन रहना पड़ा है। संघ सूत्र के अनुसार फिलहाल स्थिति पूरी तरह से ठीक है। क्वारेंटाइन किए गए कार्यकर्ता फिर से सेवाकार्य में जुट गए हैं। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी संघ मुख्यालय में नहीं है। वे पिछले दिनों विविध कार्यक्रमाें के सिलसिले में अन्य राज्यों के दौरे पर हैं। गौरतलब है कि संघ मुख्यालय विशेष सुरक्षा के घेरे में है। लॉकडाउन के समय से ही यहां अन्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का आना-जाना कम कर दिया गया है। यहां तक कि सरसंघचालक से मिलने आने वाले लोगों को भी समय नहीं दिया जा रहा है। संघ की ओर से स्वयंसेवकों को कोरोना योद्धा की तरह कार्य करने को कहा जा रहा है। शहर में भी सभी क्षेत्र में स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। भोजन सामग्री से लेकर लॉकडाउन के नियमों के पालन के मामले में भी स्वयंसेवक सक्रिय रहे हैं। सूत्र के अनुसार सप्ताह भर से यहां कुछ कार्यकर्ताओं को कोरोना लक्षण दिखने के बाद उनकी जांच कराई गई। इनमें से लगभग सभी की स्थिति अब ठीक है।
मेयो लैब स्टाफ फिर संक्रमित आज भी नहीं होगी जांच
मेयो की लैब में 5 लोग फिर से कोरोना संक्रमित हुए हैं। इससे रविवार तक लैब को बंद कर दिया गया है। संक्रमित होने वालों में एक सहायक प्राध्यापक और टेक्निशियन हैं। संक्रमण को रोकने के लिए लैब को पूरी तरह सैनिटाइज कर अन्य सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं। शनिवार को भी लैब में टेस्टिंग नहीं हुई। इस दौरान मेयो में अाने वाले सैंपल को मेडिकल अस्पताल की लैब में भेजा जाएगा। स्टाफ की कमी के बीच अगर स्टाफ संक्रमित होता रहा, तो बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। सुनवाई में उपस्थित अस्पताल प्रतिनिधियों ने उपलब्ध संसाधनों में उपचार के लिए कितने बेड कोविड संक्रमितों के लिए उपलब्ध कराए जा सकते हैं, इसकी जानकारी दी। बेड उपलब्ध कराने के लिए सात से दस दिन की मोहलत मांगी। आश्वस्त करने वाले अस्पतालों से समिति ने लिखित हामी-पत्र लिया है। महापौर ने कहा कि आश्वस्त करने वाले अस्पताल अमल करते हैं या नहीं, इसकी निगरानी रखी जाएगी। तत्पश्चात विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि को चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया। उन्होंने समिति के सामने अपनी समस्या रखीं। समिति अध्यक्ष महापौर संदीप जोशी, विभागीय आयुक्त के प्रतिनिधि उपायुक्त मिलिंद सालवे, मनपा आयुक्त के प्रतिनिधि अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, आईएमए अध्यक्ष डॉ. अर्चना कोठारी, निजी अस्पताल के प्रतिनिधि डॉ. अनिल लद्दड, समिति सचिव मनपा में उपायुक्त मिलिंद मेश्राम उपस्थित थे।
मेयो में नर्स, आयुर्वेद डॉक्टर और चतुर्थ श्रेणी स्टाफ की नियुक्ति
कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण शहर की स्वास्थ्य सुविधा पर गंभीर असर पड़ा है। शहर में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। इसका मुख्य कारण शहर में मेडिकल स्टाफ की कमी बताया जा रहा है। इसकी पूर्ति के लिए मनपा प्रशासन ठेका पद्धति से अस्पतालों में स्टाफ की नियुक्ति कर रही है। इसमें मेयो अस्पताल में 100 नर्स, 60 आयुर्वेदिक डॉक्टर और चतुर्थ श्रेणी के स्टाफ की भी नियुक्ति हो रही है। कोविड मरीजों के इलाज के लिए कोविड डेडिकेटेड अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। सबसे पहले दो कोविड डेडिकेटेड अस्पताल मेयो और मेडिकल हैं। इसमें 600-600 बेड की सुविधा दी गई है, लेकिन इन बेड पर भी मरीजाें की देखरेख और ठीक तरह से इलाज करने के लिए मेडिकल स्टाफ नहीं हैं। इसमें सबसे ज्यादा कमी नर्सिंग स्टाफ, अटेंडेंट और क्लास फोर्थ स्टाफ की है। इसे पूरा करने के लिए मनपा मेयो अस्पताल में 100 नर्स, 60 आयुर्वेद डॉक्टर और चतुर्थ श्रेणी के स्टाफ की नियुक्ति कर रही हैं। इनके मानधन का भुगतान मनपा करेगी।
रेमडेसिवीर दवा की नहीं होगी कमी
जिलाधीश रवींद्र ठाकरे ने जिले के शासकीय व निजी अस्पतालों में कोरोना बीमारी के लिए महत्वपूर्ण रेमडेसिवीर दवा की कमी नहीं होने का निर्देश आपूर्तिकर्ता कंपनियों को दिए हैं। दवा की कमी होने पर अस्पतालों को जिला प्रशासन की मदद लेने का आह्वान किया है।कुछ निजी अस्पतालों में रेमडेसिवीर दवा की कमी होने की बात जिला प्रशासन के ध्यान में लाई गई। जिलाधीश, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर, अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के उपायुक्त गडेकर ने इस बात से दवा आपूर्ति करने वाली कंपनियों को अवगत कराया है। दवा की कमी के संदर्भ में 0712-2562668 नंबर पर संपर्क करने का आह्वान जिला प्रशासन ने किया है।
Created On :   20 Sept 2020 4:35 PM IST