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कोरोना मौत : घाट पर पुरुष की जगह महिला का शव भेज दिया, पेट पर चीरा देख मचा हंगामा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रविवार लगभग 11.30 बजे गंगाबाई घाट पर जमकर हंगामा हुआ। घोर लापरवाही के चलते एक मृतक के परिजन बुरी तरह बिफरे हुए थे। मामला था शव की अदला-बदली का। शनिवार रात 8.30 बजे ही मृत्यु हुई। वेंकटेशनगर नंदनवन निवासी शंकरराव शेटे (66) पॉजिटिव आए थे। इलाज के लिए उन्हें 26 अगस्त को वानाडोंगरी स्थित लता मंगेशकर अस्पताल में भर्ती किया गया। शनिवार रात 8.30 बजे उनकी मृत्यु हुई। अस्पताल व मनपा प्रशासन की सूचना पर शेटे परिवार के सदस्य रविवार सुबह अस्पताल पहुंचे। शववाहिनी में एक शव था। अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को शववाहिनी के पीछे-पीछे गंगाबाई घाट चलने को कहा।
जैसे ही चेहरा देखा, घाट पर मचा हंगामा
शववाहिनी सुबह 11.30 बजे गंगाबाई घाट पहुंची। मृतक की बेटी डा. सुषमा दलाल ने जैसे ही चेहरा देखा, हंगामा मच गया। ‘ये पापा नहीं हैं, कहकर वह चिल्लाने लगी। वाकई, शेटे की जगह वह किसी महिला का शव था, लेकिन बॉडी पर शंकरराव शेटे का स्टीकर लगा था। परिजनों ने तुरंत लता मंगेशकर अस्पताल व मनपा प्रशासन को फोन लगाया, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला। इसके बाद परिजनों ने लकड़गंज व कोतवाली पुलिस को सूचना दी।
गलती समझ में आई, शवों की अदला-बदली की गई
इधर, शववाहिनी के चालक ने भी पूरे मामले की जानकारी मनपा प्रशासन को दी। मनपा ने पूरी जानकारी लेकर चालक को शीघ्र मोक्षधाम पहुंचने को कहा, क्योंकि वहां किसी महिला की जगह शंकरराव शेटे का शव लाया जा चुका था। चालक वहां पहुंचा और शवों की अदला-बदली की गई। शंकरराव शेटे का शव लेकर वह फिर गंगाबाई घाट पहुंचा, तब तक 3.00 बज चुके थे।
फिर हंगामा, पेट पर चीरा
शंकरराव शेटे का शव अब गंगाबाई घाट लाया जा चुका था। मृतक की बेटी डा. सुषमा दलाल, बेटे मयूर व साले प्रेमलाल भांदककर ने तस्दीक के लिए फिर से शव को देखा, तो वे चीख पड़े। दाई ओर का चेहरा दबा हुआ था। शक होते ही उन्होंने बॉडी देखी। पेट पर उन्हें चीरा दिखाई दिया। रक्तस्राव के भी निशान दिखे। बहस होने लगी। उनका कहना था कि शव के साथ छेड़छाड़ कैसे हुई? इसी बीच, पुलिस भी पहुंची, लेकिन बिना कोई कार्रवाई किए निकल गई। दोपहर 3.30 बजे के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
लगाया यह आरोप
मृतक के साले पूर्व पार्षद प्रेमलाल भांदककर ने कहा कि जब पोस्टमार्टम नहीं हुआ, तो पेट के पास चीरे कैसे लगे? पेट के पास ब्लीडिंग कैसे हुई? उन्होंने शरीर से अवयव निकालने का आरोप लगाया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
परिजनों का भ्रम दूर होना चाहिए
नाना झोड़े, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के पदाधिकारी एवं पूर्व पार्षद ने कहा कि यह भ्रम है कि मृत शरीर से अवयव निकाले जा रहे हैं। अगर प्रशासन सही है तो मृतक का पूरा शरीर परिजनों को दिखाना चाहिए, ताकि किसी के मन में कोई संदेह न रहे। इस घटना में लापरवाही के लिए जिम्मेदार डॉक्टर व अधिकारियों पर अपराध दर्ज की जानी चाहिए।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी
राधाकृष्णन बी मनपा आयुक्त के मुताबिक मृतक के परिजनों को जो भी आपत्ति है, उसके बारे में वह मनपा के अतिरिक्त आयुक्त संजय निपाने से बात करें। जांच होगी और जो भी जिम्मेदार होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। घटना की जांच होगी। कोविड गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। पेट पर चीरे दिखाई देने संबंधी शिकायत पीड़ित परिवार मनपा से कर सकता है।
Created On :   7 Sept 2020 5:06 PM IST