मुनगंटीवार की सलाह - फिलहाल लेखानुदान से काम चलाएं, जुलाई में पेश करें पूर्ण बजट

Corona epidemic raising its head once again, in between advice of Mungantiwar
मुनगंटीवार की सलाह - फिलहाल लेखानुदान से काम चलाएं, जुलाई में पेश करें पूर्ण बजट
मुनगंटीवार की सलाह - फिलहाल लेखानुदान से काम चलाएं, जुलाई में पेश करें पूर्ण बजट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी के एक बार फिर से सिर उठाने के मद्देनजर एक मार्च से शुरु होने वाले विधान मंडल बजट सत्र पर भी संकट मडराने लगा है। सरकार बजट सत्र के दिनों में कटौती कर सकती है। इस बीच पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि बजट सत्र छह सप्ताह का होना चाहिए, लेकिन बजट को दो दिन में मंजूर कराना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम मांग करेंगे कि यदि सरकार को बजट सत्र की अवधि कम करना है तो वह लेखानुदान मांग पेश करे और पूरा बजट जुलाई के सत्र में पेश किया जाए। वे यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

अभी एक सप्ताह का कामकाज तय

राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार दो सप्ताह का बजट सत्र आयोजित करना चाहती है। पिछले 18 फरवरी को कामकाज सलाहकार‍ समिति की बैठक में फिलहाल एक सप्ताह का कामकाज ही तय किया गया है। 25 फरवरी को दोबारा कामकाज सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस कह चुके हैं कि सरकार की मंशा अधिक दिनों तक अधिवेशन चलाने की नहीं है। हमने चार सप्ताह तक अधिवेशन चलाने की मांग रखी है। उन्होंने कहा था कि बैठके भरपूर हो रही है, लेकिन अधिवेशन लंबा चलेगा, इस पर संदेह है।

चुनाव वर्ष में पेश होती हैं लेखानुदान मांग

बता दें कि आमतौर पर चुनाव के साल सरकारें लेखानुदान मांग पेश करती हैं।लेखानुदान मात्र राजस्व और खर्चों का लेखा जोखा होता है। इसमें तीन या चार महीनों के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष से धन लेने का प्रस्ताव होता है। ऐसा इसलिए है कि संविधान के मुताबिक राजकोष से धन निकालने के लिए विधानमंडल की मंजूरी आवश्यक है। लेखानुदान के तहत सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं करती है।

विदर्भ-मराठावाडा वैधानिक विकास महामंडल का बढ़े कार्यकाल

वरिष्ठ भाजपा सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि कैबिनेट में दो बार विदर्भ-मराठवाडा विकास महामंडल के विस्तार का प्रस्ताव आया, लेकिन सरकार ने इसे मंजूर नहीं किया। वर्ष 1984 में स्थापित विदर्भ-मराठवाड़ा वैधानिक विकास महामंडल का कार्यकाल बीते 30 अप्रैल 2020 को समाप्त हो चुका है, जिसे बढ़ाने के लिए सरकार को मंजूरी देनी चाहिए लेकिन सरकार पिछले एक साल से इस पर बार -बार विचार करने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार विदर्भ और मराठवाड़ा की जनता के साथ अन्याय कर रही है। मुनंटीवार ने पिछले दिनों वैधानिक विकास महामंडल का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी।   


 

Created On :   22 Feb 2021 9:32 PM IST

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