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- Costs increased to 30 crore, still buildings work is incomplete of fire services college
दैनिक भास्कर हिंदी: लंदन के बाद नागपुर में ही है नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, लागत 30 करोड़ बढ़ी फिर भी काम आधा-अधूरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लंदन के बाद अकेले महाराष्ट्र की उपराजधानी में नेशनल फायर सर्विस कॉलेज बना है। जहां इन दिनों सुविधाओं को खासा टोटा है। इमारत की लागत 30 करोड़ रुपए तर बढ़ चुकी है, फिर भी काम आधा-अधूरा नजर आ रहा है। साल 1978 से नेशनल फायर सर्विस कॉलेज का संचालन सिविल लाइंस परिसर से किया जा रहा था। जिला न्यायालय के समीप नेशनल सिविल डिफेन्स कॉलेज ने 4 एकड़ में बनी अपनी इमारत नेशनल फायर सर्विस कॉलेज को दिया था। इस परिसर में फायर इंजीनियारिंग के विद्यार्थियों को प्रात्यक्षिक प्रशिक्षण दिया जाता था, जबकि अकादमिक शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को वीएनआईटी एवं एलआईटी कैम्पस भेजा जाता था। एक ही संस्थान में अकादमिक और प्रात्यक्षिक सुविधाओं की कमी को देखते हुए साल 2004 में नागपुर विद्यापीठ प्रबंधन ने आपत्ति दर्ज करायी। इसके अलावा फायर इंजीनियरिंग कोर्स को बंद करने का निर्णय भी लिया।
विश्व भर में केवल लंदन और नागपुर में ही आपदा प्रबंधन की इंजीनियरिंग शिक्षा देने के संस्थान हैं। नेशनल फायर सर्विस कॉलेज कई सालों से आर्थिक संसाधनों की कमी झेल रहा था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2010 में कॉलेज में सुविधाओं के लिए 209 करोड़ दिये थे। निर्माण कार्य का जिम्मा केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग को सौंपा था, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने 6 साल के बजाय इमारत बनाने में 8 साल लगा दिये। इससे लागत बढ़कर 239 करोड़ हो गई। पीडब्ल्यूडी की लेटलतीफी के चलते कॉलेज प्रबंधन बिना उद्घाटन के ही इमारत में शिफ्ट हो गया है।
पिछले 6 माह से कॉलेज प्रबंधन नवनिर्मित इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पीडब्ल्यूडी अब भी सिविल वर्क को पूरा नहीं कर रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने पीडब्ल्यूडी को दो माह का अल्टीमेटम दिया है। अंतिम चरण का काम होते ही प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराया जा सकता है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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