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बारिश से पहले पूरा हो कपास की खरीदारी, उपमुख्यमंत्री पवार का निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारिश से पहले किसानों से कपास खरीद पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी हालत में एफएक्यू (फेयर एवरेज क्वालिटी) दर्ज के कपास की खरीदारी बारिश शुरू होने से पहले पूरी की जाए। बुधवार को मंत्रालय में कपास खरीदी की समीक्षा बैठक और किसानों के पास बकाया कपास को खरीदने के लिए गति देने के संबंध में बैठक हुई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कपास खरीद के सभी केंद्र, कृषि उत्पन्न बाजार समितियां, विभागीय सहनिबंधक, जिला उपनिबंधक, सहायक निबंधक- सहकारी संस्था, जिलाधिकारी कार्यालय, विपणन निदेशालय के कार्यालय, वखार महामंडल के कार्यालय सार्वजनिक छुट्टी शनिवार और रविवार समेत सभी दिन अगले आदेश तक शुरू रहेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का नुकसान टालने के लिए छुट्टी के दिन संबंधित कार्यालय शुरू रहेंगे। चंद्रपुर और नांदेड़ जिले के कुछ तहसीलों में खरीदी के लिए जिनिंग फैक्टरी उपलब्ध नहीं है। इस कारण इन तहसीलों के कपास की खरीदारी पड़ोसी राज्य तेलंगाना की सीमा के पास की जिनिंग फैक्टरी में होगी। इसके लिए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजोय मेहता तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार से बातचीत करके व्यवस्था करेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कपास खरीद के लिए जिनिंग फैक्टरी में जगह उपलब्ध कराने की दृष्टि से जिनिंग प्रोसेस फैक्टरी में पड़ा हुआ कॉटन सीड और बेल को उठाया जाएगा। जिनिंग प्रोसेस फैक्टरी के कॉटन सीड्स् की नीलामी तत्काल की जाएगी। कॉटन सीड्स् उठाने की 15 दिनों की अवधि को कम करके 10 दिन किया गया है। नीलामी के बावजूद जिनिंग फैक्टरी से कॉटन सीड्स् निश्चित समय पर नहीं उठाया गया, तो दंड की राशि में वृद्दि करने का फैसला लिया जाएगा। मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री अशोक चव्हाण (वीडियो कॉनफ्रेंसिंग), गृहमंत्री अनिल देशमुख, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत, सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे, बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार, दूध व पशु संवर्धनमंत्री सुनील केदार समेत कई मंत्री और अफसर मौजूद थे।
23 लाख 83 हजार क्विंटल कपास खरीद बाकी
राज्य में 2019-20 में 410 लाख क्विंटल कपास का उत्पादन हुआ। इसमें से भारतीय कपास निगम लिमिटेड और उनकी ओर से कपास पणन महासंघ ने 88 लाख 17 हजार क्विंटल कपास खरीदा है। निजी व्यापारियों ने लगभग 198 लाख क्विंटल कपास की खरीदारी की है। इससे राज्य में 386 लाख 17 हजार क्विंटल कपास खरीदा जा चुका है जबकि 23 लाख 83 हजार क्विंटल कपास की खरीदारी बाकी है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।