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कैमरा ट्रैपिंग से होगी बाघों की गणना, प्राप्त होंगे सटीक आंकड़े

डिजिटल डेस्क, अमरावती। विदर्भ के फारेस्ट रेंज में बाघों की संख्या वैसे तो लगातार बढ़ रही है लेकिन पिछले कुछ माह में कई बाघों की मौत भी हुई है इसलिए बाघों का सही आकलन करने 30 अप्रैल बुद्ध पूर्णिमा को अत्याधुनिक कैमरा ट्रैपिंग प्रणाली से बाघों की गणना की जाएगी। नई तकनीक के सहारे बाघों की गणना आसान होने के साथ सटीक आंकड़े प्राप्त होने का अनुमान है।
24 घंटे होगी गणना
उल्लेखनीय है कि व्याघ्र प्रकल्प, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य के साथ ही विदर्भ के फारेस्ट रेंज में उपलब्ध पानी के स्त्रोत के आधार पर वन विभाग द्वारा 2014 से बाघों की गणना प्रारंभ की गई थी। इस नई प्रणाली से कैमरा ट्रैपिंग के जरिए संपूर्ण देश में बाघों की संख्या को लेकर सटीक आंकड़े प्राप्त हुए हैं। इस बार भी 30 अप्रैल को 24 घंटे बाघों की गणना की जाएगी। कैमरा ट्रैपिंग की वजह से बाघों सहित अन्य वन्य जीवों की गणना भी सुविधाजनक हो चुकी है।
एक व्याघ्र प्रकल्प से बाघ दूसरे व्याघ्र प्रकल्प की सीमा में जाने पर भी कैमरा ट्रैपिंग प्रणाली से उसकी जानकारी हासिल की जा सकती है। इस आधुनिक प्रणाली से देहरादून वन्यजीव संस्था को 7 वर्षों बाद बाघों की संख्या निर्धारित करना सरल हो गया है। कैमरा ट्रैपिंग से बाघों के पट्टे पर से उनकी संख्या का आकलन करना भी सरल हो चुका है। परंपरागत पद्धति से बाघों की गणना अनुमानित होने के साथ ही यह कठिन प्रक्रिया थी। कैमरा ट्रैपिंग प्रणाली से बाघों की सुरक्षा और शिकार पर भी नजर रखना आसान हो गया है।
वन विभाग द्वारा जगह-जगह पर यह कैमरे जंगल में लगाए गए हैं। इन कैमरों पर मॉनिटरिंग की जा रही है। दो से तीन दिन के अंतराल में कैमरे के फुटेज की जांच की जा रही है। ताड़ोबा-अंधारी, पेंच, बोर, मेलघाट, सह्याद्री, नवेगांव बांध-नागझिरा इन प्रमुख व्याघ्र प्रकल्पों में कैमरा ट्रैपिंग प्रणाली बाघों की संख्या निश्चित करने में उपयोगी साबित हो रही है।
4 वर्ष में एक बार आता है मौका
वन्यजीवों को लेकर व्याघ्र गणना 4 वर्षों में एक बार करने की पद्धति है। इससे पूर्व जंगल में उपलब्ध जलस्त्रोत के आसपास जानवरों के पंजों के निशान, मलमूत्र, बाघों द्वारा शिकार किए गए घटनास्थल के सबूत आदि पद्धति से बाघों की संख्या निश्चित की जाती थी किंतु अब कैमरा ट्रैप प्रणाली से बाघों की संख्या का सटीक आंकड़ा प्राप्त करना संभव हो पाया है। आगामी 30 अप्रैल को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर 24 घंटे व्याघ्र प्रकल्प में गणना करने का निर्णय वन विभाग ने लिया है।
इसकी तैयारी शुरू की जा चुकी है। आधुनिक कैमरा प्रणाली के उपयोग के साथ ही जंगल में जलस्त्रोत के आसपास मचान बनवाकर दूरबीन व कैमरे से लैस अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहेंगे। वनविभाग इसकी पूरी तैयारी कर चुका है।
Created On :   18 April 2018 1:37 PM IST