सांसद संजय राऊत पर आरोप लगानेवाली महिला की शिकायत पर पुलिस को दिया जांच का निर्देश

Court directed police to investigate complaint of the woman make allegation on MP Sanjay Raut
सांसद संजय राऊत पर आरोप लगानेवाली महिला की शिकायत पर पुलिस को दिया जांच का निर्देश
कोर्ट सांसद संजय राऊत पर आरोप लगानेवाली महिला की शिकायत पर पुलिस को दिया जांच का निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इस्प्लेनेड कोर्ट ने पुलिस को शिवसेना सांसद संजय राऊत पर कथित तौर पर उत्पीड़न का आरोप लगानेवाली एक महिला की ओर से की गई शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया है। इससे पहले पुलिस ने महिला की शिकायत को लेकर मजिस्ट्रेट कोर्ट में ए समरी रिपोर्ट दायर की थी। आमतौर पर ए समरी रिपोर्ट तब दायर की जाती है जब पुलिस के पास किसी अपराध में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं होते है। अथवा पुलिस अपराध का पता नहीं लगा पाती है। ए समरी रिपोर्ट के विरोध में महिला ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दायर की थी।

इस याचिका पर गौर करने के बाद अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटिन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपाले ने कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी ने गवाहों के बयान तो दर्ज किया है। लेकिन जांच अधिकारी यह देखने में पूरी तरह से विफल रहे कि 29 जून 2013 की घटना से पहले भी यानी 16 मई 2013 को भी शिकायतकर्ता(महिला) को भी हमले का सामना करना पड़ा है। जांच अधिकारी ने 29 जून 2013 की घटना के सीसीटीवी फुटेज को भी नहीं देखा है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को मामले से जुड़े संदिग्ध लोगों की भी जानकारी दी थी। लेकिन जांच अधिकारी ने इस पहलू पर भी गौर नहीं किया है। मजिस्ट्रेट ने कहा है कि एफआईआर कोई इनसाइक्लोपीडिया नहीं होता है। इसलिए जांच अधिकारी को शिकायतकर्ता का पूरक बयान भी दर्ज करना चाहिए था। लेकिन इस दिशा में भी कोई प्रयास नहीं हुआ है। लिहाजा इस मामले में महिला की ओर से शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच की जरुरत नजर आती है। यह मामला आगे की जांच के लिए उपयुक्त नजर आ रहा है। इसलिए जांच अधिकारी को जांच का निर्देश दिया जाता है। 

गौरतलब है कि महिला ने इस प्रकऱण को लेकर पहले अधिवक्ता अभा सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।  याचिका में महिला ने दावा किया था कि राऊत व उसके पति इशारे पर कुछ लोग उसका पीछा करते है। याचिका में महिला ने मांग की थी उसकी ओर से साल 2013(वाकोला पुलिस स्टेशन) व साल 2018 में  अज्ञात लोगों के खिलाफ की गई शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया जाए।  न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई थी।  खंडपीठ ने 25 अगस्त 2021 को अपना फैसला सुनाते हुए महिला को कहा था कि वह कानूनी प्रक्रिया का पालने करते हुए  मामले से जुड़ी  ए समरी रिपोर्ट को लेकर निचली अदालत में अपना पक्ष रखे। जिसके तहत महिला ने ए समरी रिपोर्ट के विरोध में मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दायर की थी। 


 

Created On :   25 Nov 2021 9:19 PM IST

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