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बनने के पहले ही इनर रिंग रोड में आई दरारें, कंपनी ब्लैक लिस्टेड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी के इनर रिंग रोड को चौड़ा करने के साथ ही कांक्रीटीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 204.68 करोड़ में मुंबई की आरपीएस इंफ्राप्रोजेक्ट प्रा.लिमिडेट को ठेका दिया है। अब स्थिति यह है कि इनर रिंग रोड के पूरे बनने से पहले ही उसमें जगह-जगह क्रैक आ गए है। सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) ने इनर रिंग रोड के 350 पैनल में क्रैक होने की रिपोर्ट भी पीडब्ल्यूडी को सौंपी है। बता दें कि घटिया निर्माणकार्य करने पर इसी आरपीएस कंपनी को मुंबई महानगरपालिका ने प्रतिबंधित (ब्लैक लिस्टेड) कर रखा है।
इनर रिंग रोड के इस प्रोजेक्ट का अब तक 169 करोड़ रुपए का भुगतान भी हो गया है। हैरानी यह है कि घटिया काम करने के बावजूद कंपनी पर एक रुपए का जुर्माना नहीं लगाया गया है। पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता, उप अभियंता और कनिष्ठ अभियंता तक की बात तो दूर, आर्किटेक्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। घटिया काम की कोई न तो जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है और न ही किसी को जिम्मेदार बताने के लिए अधिकारी तैयार है। उल्टे उसे सामान्य बताने से नहीं चूक रहे हैं। जितना काम हुआ है, उसके अनुसार 169.16 करोड़ रुपए का भुगतान करने के बाद भी अधिकारी भुगतान रोकने की बात नहीं कर रहे हैं।
हिंगना टी-प्वाइंट के पास रिपेयरिंग का ट्रायल
सीआरआरआई ने 204.68 करोड़ रुपए की इनर रिंग रोड में 350 पैनल में क्रैक होने की रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट के आधार पर हिंगना-टी पाइंट स्थित त्रिमूर्ति नगर के पास रिपेयरिंग का ट्रायल शुरू है, इसलिए इनर रिंग रोड के सभी 350 क्रैक में सुधार की संभावना जताई जा रही है। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब ट्रायल की रिपोर्ट सही आए।
ट्रायल शुरू, भुगतान रोका है
सीआरआरआई ने क्रैक की रिपार्ट सौंपी है। उसका ट्रायल शुरू हो गया है। कंपनी पर भले ही कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है, लेकिन उसका शेष भुगतान रोक कर रखा है। अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्णय वरिष्ठ अधिकारी लेंगे। -मिलिंद बांधवकर, कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग
Created On :   13 Aug 2019 1:22 PM IST