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दबंगई: करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा कर लगाई फसल

छिंदवाड़ा, चौरई। गांव की बाहर सडक़ के किनारे जहां कभी गांव के पालतू मवेशी चरते थे, जहां बच्चों के लिए खेल मैदान बनाए जाने का प्लान है, जहां कभी छोटे बड़े झाड़ का जंगल हुआ करता था, आज वहां सोयाबीन और मक्का की फसल की लहलहा रही है। यह हालात चौरई चांद तहसील के एक दर्जन से अधिक गांवों में नजर आ रहे हैं जहां दबंग किसानों ने सडक़ किनारे स्थित बेशकीमती करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर फसल लगा दी है। दबंगई इतनी कि कब्जाधारियों दो गांवों के बीच सरकारी गोह यानी मार्ग को भी खत्म कर दिया है।
मानसून की दस्तक से पहले जून माह के पहले पखवाड़े में कुछ गांवों 500 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन पर किसानों ने ट्रैक्टर चलाकर सरकारी जमीन को खेत में बदल दिया। चौरई विकासखंड के रामगढ़, लिखड़ी, सीताझिर, सिरस, टॉप, पालादौन, सिमरिया, आमबोह, सलखनी, बीझावाड़ा, गढख़ापा सहित अन्य गांवों में सडक़ किनारे सरकारी जमीन पर इन दिनों मक्का और सोयाबीन की फसल लहलहा रही है। चांद तहसील के लालगांव, बादगांव, लोनी सहित अन्य गांवों में भी पचासों एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा हो गया है।
मुनारा तोडकऱ वन सीमा में कब्जा
क्षेत्र के दबंगों का हौसला इतना बुलंद हो गया है कि वे राजस्व ही नहीं वनभूमि में कब्जा कर रहे हैं। बीते साल दबंगों ने गढख़ापा में सरकारी नर्सरी को उजाड़ दिया था। वन क्षेत्र के आमाझिरी, समसवाड़ा, गढख़ापा सहित धमनिया और अमरवाड़ा से मिले नए सर्किल में जगह जगह पर अतिक्रमण हो रहा है। वन सीमा पर स्थित मुनारा को तोडकऱ वन क्षेत्र की सीमा में खेती की जा रही है।
मवेशियों के लिए नहीं बची जगह
चौरई और चांद के हर गांव में मवेशियों को चरने के लिए चरनोई की सैकड़ों जमीन है। इस जमीन पर कब्जा होने के कारण अब गरीब लोगों के मवेशी सडक़ के दोनों ओर खाली जमीन या नालों के आसपास चरने पर मजबूर हैं। कुछ माह पहले लिखड़ी गांव में खेल मैदान और मोक्षधाम के लिए प्रस्तावित जमीन पर भी कब्जा हो गया था। ग्रेटिया में भी मोक्षधाम जाने के मार्ग पर कब्जा कर लिया था।
पट्टा मिलने की उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव से राजनीतिक कई तरह की लुभावनी घोषणाएं करते हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा कर फसल लगाने वाले किसानों को उम्मीद है कि चुनाव से सरकारी जमीन पर खेती करने वाले किसानों को पट्टा दिए जाने की घोषणा हो सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा कर फसल लगाई है उनके पास पहले से ही 15-20 जमीन उपलब्ध हैं।
इनका कहना है...
पटवारियों से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की हलकावार रिपोर्ट मांगी गई है। प्रतिवेदन के आधार पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार की जा रही है।
महेश अग्रवाल, तहसीलदार चौरई
Created On :   7 Aug 2022 11:33 PM IST