दही-हांडी - आरोपियों से नुकसान की होगी भरपाई

Dahi-Handi - Will be compensated for the loss from the accused
दही-हांडी - आरोपियों से नुकसान की होगी भरपाई
नागपुर दही-हांडी - आरोपियों से नुकसान की होगी भरपाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य सरकार ने पिछले कुछ सालों में गणेशोत्सव और दही-हांडी आयोजन में दर्ज मामलों को वापस लेने की घोषणा की है। इस संबंध में हाल ही में अधिसूचना जारी की गई है। हालांकि मामलों को वापस लेने के पहले जिला और आयुक्त स्तर की समिति को अनुशंसा करनी होगी। इन मामलों में सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की भरपाई भी आरोपियों को करनी होगी। उपराजधानी में भी नियमों के उल्लंघन से जुड़े करीब 12 से अधिक मामले हैं।

नौकरी पाने में होती है मुश्किल : उपराजधानी में पिछले 3 सालों में गणेशोत्सव और दही-हांडी में नियमों के उल्लंघन को लेकर मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस विभाग से नियमानुसार गणेशोत्सव और दही-हांडी आयोजन के लिए अनुमति लेनी होती है, लेकिन कुछ आयोजक अनुमति नहीं लेते हैं। आयोजन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान भी कर देते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस ने अपराध दर्ज कर न्यायिक प्रक्रिया शुरू की है। इससे पासपोर्ट समेत सरकारी दस्तावेजों को बनाने और सरकारी नौकरी पाने में मुश्किलें पैदा होती हैं। इस समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। 18 अगस्त को अधिसूचना जारी कर दी गई है। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्राथमिक रूप से 3 साल में दर्ज 12 मामलों को चिह्नित किया गया है।

राज्य सरकार की अधिसूचना में स्पष्ट रूप से वर्तमान एवं पूर्व सांसद एवं विधायकों को राहत देने से पाबंदी की गई है। अधिसूचना में सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 699-2016 के हवाले से बताया गया है कि वर्तमान एवं पूर्व सांसद एवं विधायकों पर दर्ज मामले में उच्च न्यायालय सहमति लेना आवश्यक है। ऐसे में नई अधिसूचना में जनप्रतिनिधियों को राहत नहीं मिलेगी।

आदेश में 3 अनिवार्य शर्तें : राज्य के गृह विभाग के सह सचिव कैलाश गायकवाड़ की ओर से जारी अधिसूचना में राज्य भर में गणेशोत्सव और दही-हांडी आयोजन में दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश में 31 मार्च 2022 तक दोषारोपण-पत्र दायर हो चुके मामलों का समावेश है। मामलों को वापस लेने में 3 अनिवार्य शर्ताें को जोड़ा गया है। इसके तहत कानूनी सूचनाओं के उल्लंघन से जुड़े मामले होने चाहिए, कोई भी जीवित हानि नहीं होनी चाहिए और निजी और सार्वजनिक संपत्ति का 5 लाख रुपए से अधिक का नुकसान नहीं होना चाहिए। मामलों को वापस लेने के लिए पुलिस आयुक्तालय और जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति निर्णय लेगी। समिति में अभियाेग संचालनालय के सहायक संचालक, पुलिस उपायुक्त, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे।

ऐसी होगी प्रक्रिया : अधिसूचना के आधार पर सहायक संचालक के माध्यम से केस की जानकारी समिति में रखी जाएगी। समिति तीनों शर्तों की समीक्षा कर मामले को संबंधित न्यायालय से जानने का निर्देश सहायक सरकारी वकील को देगी। न्यायालय के दस्तोवजों की जांच कर वकील रिपोर्ट समिति को देगा, जिसके आधार पर मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया जाएगा। उससे पहले सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई आरोपियों को करने की अनिवार्यता है। इस प्रक्रिया में आरोपी को दंडित नहीं माना जाएगा।

नागरिक आवेदन कर सकते हैं

अमितेश कुमार, पुलिस आयुक्त के मुताबिक राज्य सरकार की अधिसूचना के आधार पर पहली बैठक ली गई है, जिसमें गणेशोत्सव और दही-हांडी से जुड़े 12 मामलों की समीक्षा की गई है। सड़क, बिजली उपकरणों के नुकसान अन्य सार्वजनिक संपत्ति के 5 लाख रुपए तक के नुकसान वाले मामलों को चिह्नित किया गया है। गणेशोत्सव और दही-हांडी से जुड़े अन्य मामलों में भी नागरिक पुलिस आयुक्त कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

 

Created On :   28 Aug 2022 4:40 PM IST

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