दैनिक भास्कर गरबा वर्कशॉप में सुर,लय और ताल के साथ मिला रहे कदमताल

Dainik bhaskar garba workshop experts giving training to participants
दैनिक भास्कर गरबा वर्कशॉप में सुर,लय और ताल के साथ मिला रहे कदमताल
दैनिक भास्कर गरबा वर्कशॉप में सुर,लय और ताल के साथ मिला रहे कदमताल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुर, लय और ताल के बीच दैनिक भास्कर गरबा महोत्सव का वर्कशॉप विशेष कोरियोग्राफी के साथ  शुरू हो गया है। हर साल की तरह इस बार भी गुजरात के रंग मिलन ग्रुप के प्रोफेशनल काेरियाेग्राफर्स व एक्सपर्ट प्रतिभागियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। वर्कशॉप के पहले दिन प्रतिभागियों को एक ताल, दो ताल, तीन ताल व हीच के साथ-साथ डांडिया के पारंपरिक स्टेप्स, कंटेम्परेरी फ्री स्टाइल सिखाया गया। वर्कशॉप के पहले दिन मेडिकल चौक स्थित अजंता हॉल में सुबह से  ही चहल-पहल शुरू हो गई। शुभारंभ मां अंबे की आराधना से हुआ। मां अंबे के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन किया गया। वर्कशॉप में में युवतियां और महिलाओं के साथ युवक भी पहुंचे। हर कोई उत्साह से परिपूर्ण था। वर्कशॉप में जैसे-जैसे स्टेप समझाए गए, प्रतिभागियों ने ठीक वैसे ही उनका रिहर्सल किया। हर बैच में पहुंचने वाले प्रतिभागियों में गरबा सीखने की ललक दिखी। वर्कशॉप बैच का समय सुबह 8:30 से रात 8 बजे तक है। लेडीज स्पेशल बैच दोपहर 3 से 4 बजे तक रखा गया है।

9 लोगों की टीम सिखा रही गरबा

वर्कशॉप में गुजरात के रंगमिलन ग्रुप के गौतम शिकारी और राजन शिकारी के नेतृत्व में 7 सदस्यों की टीम प्रतिभागियों को गरबा के स्टेप सिखा रही है। वर्कशॉप में न केवल स्टूडेंट्स शामिल हैं, बल्कि कामकाजी महिला, पुरुष और हर आयु वर्ग के प्रतिभागी शामिल हैं। सुबह 8.30 बजे से शुरू होने वाले बैच से लेकर रात के 8 बजे तक के बैच में हर प्रतिभागी उत्साहित है। गरबा के नए-नए स्टेप सीखने के लिए आतुर हैं। हर कोई मां की अराधना करने के उद्देश्य से गरबा सीख रहा है। 

यूथ के हिसाब से नए स्टेप्स

एक, दो, तीन, चार और लगड़ी फिर घूमकर अपनी जगह पर जाना। पहले राइट और फिर लेफ्ट पैर उठाना है। कुछ ऐसे ही इंस्ट्रक्शंस के साथ प्रतिभागी गरबा की ट्रेनिंग ले रहे हैं। वर्कशॉप में कश्मीरी, राजस्थानी स्टेप्‍स का कॉम्बिनेशन पिछले दो सालों में सफल रहा। इस बार नए स्टेप्स के साथ भी प्रयोग किए जाएंगे। पारंपरिक नृत्य के साथ हाई बीट का प्रयोग किया जाएगा। गरबा में अन्य राज्यों के फोक के साथ कॉम्बिनेशन कर कुछ अलग करने की कोशिश है। इसमें स्टेप्स को ही शामिल करते हैं, जो गुजरात के कल्चर से मिलते हों। गरबा में हर वर्ष नए स्टेप सिखाए जाते हैं।

Created On :   19 Sept 2019 5:13 PM IST

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