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कोर्ट में बहू बेटों ने बोला मम्मी-पापा हमें माफ कर दो, हमारे साथ चलो

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/चौरई। एसडीएम कार्यालय में बुधवार को बिछुआ के डोंगरगांव से आए वृद्ध दंपत्ती की आंखें छलक गई, जब उनके दो बेटे और एक बेटे की विधवा बहू ने उनके पैर छूए। दोनों बेटों और बहू ने एसडीएम के सामने यह सहमति दी कि वे बुजुर्ग माता पिता को अपने साथ ही रखेंगे और किसी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे। बुजुर्ग दंपत्ती ने भरण पोषण अधिनियम के तहत एसडीएम कोर्ट में आवेदन दिया था। आवेदन पर बुधवार को एसडीएम मेघा शर्मा ने पहली पेशी में सुनवाई की और बहू बेटों को ऐसी समझाइश दी कि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है।
एसडीएम मेघा शर्मा के न्यायालय में बिछुआ के डोंगरगांव निवासी 85 साल के शंकर खोरगड़े ने बेटों और बहू से भरण पोषण भत्ता दिलाने के लिए आवेदन दिया था। शंकर खोरगड़े ने आवेदन में कहा कि उनके पास 13 एकड़ जमीन थी, जिसमें से 12 एकड़ जमीन उन्होंने अपने तीन बेटों को बांट दी थी, इनमें से एक बेटे की मौत हो गई, लेकिन अब तीनों परिवार इस बुजुर्ग दंपती को साथ रखने को तैयार नहीं है। एसडीएम मेघा शर्मा ने बुधवार को दोनों पक्षों को बुलवाया। उन्होंने शंकर के दोनों बेटों व विधवा बहू को समझाइश दी। एसडीएम ने कहा कि माता पिता की सेवा नहीं करने पर वे कानून के तहत कार्रवाई करेंगी। उनकी हिदायत के बाद शंकर खोरगड़े के बेटे मान गए। उन्होंने एसडीएम कोर्ट में ही माता-पिता के पैर छूकर माफी मांगी। उन्होंने माता-पिता को हमेशा साथ रखने की बात कही। इसके साथ ही हर महीने खर्च के लिए पर्याप्त राशि देने पर सहमति जताई। ऐसा नहीं करने पर एसडीएम ने कार्रवाई करने की चेतावनी दी। शंकर के बेटे घूडऩ, जयसिंह और बहू अनीता उन्हें साथ लेकर अपने गांव लौट गए।
Created On :   12 Feb 2020 8:39 PM IST