- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- क्रिकेट को करियर बनाने को बेटियां...
क्रिकेट को करियर बनाने को बेटियां भी उत्साहित,उपराजधानी में जारी हैं प्रयास

डिजिटल डेस्क,नागपुर। क्रिकेट की लोकप्रियता शिखर पर है पुरुषों का बोलबाला है जबकि महिला क्रिकेटर उससे कोसों दूर है। हालांकि भारतीय महिला क्रिकेट टीम विश्वकप के फाइनल में पहुंचने के बाद इसकी चर्चा चारों ओर हो रही है और अब बेटियां भी इस खेल को करियर बनाने को लेकर उत्साहित हैं। नागपुर में महिला क्रिकेटरों को तैयार करने के लिए विशेष प्रयास हो रहे हैं हालांकि पुरुष क्रिकेटरों की तरह तैयारी की व्यवस्था नहीं है, लेकिन शुरुआत अच्छी है।
नई कोच के मार्गदर्शन में मिलेगा प्रशिक्षण
बोर्ड के नक्शेकदम पर राज्य क्रिकेट संघ भी महिला क्रिकेट के लिए काफी की योजनाएं बनी रही है। नागपुर में विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन महिला क्रिकेटरों को उस प्रकार की सुविधा मुहैया उपलब्ध करवा रही है, जो पुरुष क्रिकेटराें को मिल रही है। वीसीए के अध्यक्ष एड. आनंद जायस्वाल ने महिला क्रिकेट को लेकर अपनी योजना की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी कोशिश है कि विदर्भ की महिला टीम शिखर पर पहुंचे। वीसीए ने आने वाले सत्र की तैयारी के मद्देनजर टीम इंडिया की पूर्व खिलाड़ी अंजू जैन को मुख्य महिला कोच नियुक्त किया है। उनके ही मार्गदर्शन में महिला क्रिकेट का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएगा। एड. जायस्वाल ने कहा कि विदर्भ के पास मौजूदा समय में महिला क्रिकेटरों की अच्छी संख्या है, इसमें वृद्धि के लिए वीसीए नियमित प्रयास कर रही है। वीसीए को अच्छी खिलाड़ियों की जरूरत है और इसके िलए गर्मी के दिनों में आयु आधारित ट्रायल के भी आयोजन किए जाएंगे। एड. जायस्वाल ने कहा कि वीसीए महिला और पुरुष क्रिकेट में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं कर रही है। महिलाओं को भी उसी मैदान पर खेलने मिलता है, जिस पर पुरुष क्रिकेटर खेलते हैं। लेकिन यह है कि महिला क्रिकेट के सही विकास के लिए समय लगेगा।
वीसीए की ओर से क्लबों को मदद नहीं
खिलाड़ी को बढ़ावा देने का अहम कार्य क्लब स्तर पर ही होता है, लेकिन महिला क्रिकेट को लेकर नागपुर के क्लबों में हलचल नहीं के बराबर है। गिनती के दो या तीन क्लब ऐसे हैं, जहां महिला क्रिकेटर नियमित रूप से अभ्यास करते हैं। रेशमबाग जिमखाना के पास 15 और नागपुर क्रिकेट अकादमी के पास 20 खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। क्लब के कोचेस का कहना है कि वीसीए की ओर से महिला क्रिकेट को लेकर किसी प्रकार का मूवमेंट नहीं है।
टूर्नामेंट की भारी कमी
टूर्नामेंट के मध्याम से खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशा जा सकता है, लेकिन उपराजधानी में महिला क्रिकेटर की स्पर्धाएं आयोजित नहीं होती हैं। वीसीए कभी कभार कर लेती है, लेकिन टीम का चयन सिलेक्शन ट्रायल के प्रदर्शन के आधार पर ही होता है। स्कूल या कॉलेजों में भी महिला क्रिकेट की दशा सही नहीं है। यूनिवर्सिटी की महिला टीम हालांकि अच्छा कर रही है, लेकिन कॉलेजों में महिला क्रिकेट नदारद है।
सफल नहीं हो पा रहे प्रयास
शहर के नाम क्लबों में शामिल डॉ. आंबेडकर कॉलेज स्पोर्ट्स अकादमी के पास महिला क्रिकेट टीम नहीं है। अकादमी के सचिव डॉ. अरविंद जोशी ने कहा कि कुछ समय पहले अकादमी ने इस दिशा में प्रयास शुरू किया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। महिला क्रिकेटरों से अच्छा प्रतिसाद नहीं मिला, जिसके बाद हमने केवल पुरुष क्रिकेट पर ही ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने कहा कि महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए पालकों को भी सकारात्मक सोच रखनी होगी। वीसीए का प्रयास भी कम पड़ा रहा है।
Created On :   11 April 2018 11:37 AM IST