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मेयो में डीन की नियुक्ति फिर अटकी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (मेयो) में स्थाई अधिष्ठाता की नियुक्ति न करने पर प्रदेश मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में अपनी भूमिका स्पष्ट की। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि, सामान्य प्रशासन विभाग की मान्यता के अभाव में यह नियुक्ति लटकी है। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव के जवाब को गैर प्रासंगिक बताया। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को दोबारा सटीक उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए। दरअसल शहर के इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (मेयो) में नियमित अधिष्ठाता की नियुक्ति नहीं की गई थी। इस पर प्रधान सचिव ने बीते अप्रैल माह में कोर्ट में शपथपत्र दिया था कि, जून-2017 तक यहां नियमित अधिष्ठाता की नियुक्ति की जाएगी, लेकिन अब तक अस्पताल में नियमित अधिष्ठाता की नियुक्ति नहीं की गई है। अब फिर से उन्हें हाईकोर्ट में अपना जवाब प्रस्तुत करना पड़ेगा।
यह है मामला : हाईकोर्ट में सी.एच. शर्मा की ओर से दायर याचिका में शहर के मेयो, मेडिकल, सुपर अस्पताल समेत विदर्भ के विविध सरकारी अस्पतालों के विकास का मुद्दा उठाया गया है। इसी के तहत मेयो के विकास कार्य और रिक्त पदों को भरने के आदेश जारी करने की विनती भी की गई थी। हालांकि, समय-समय पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मेयो में विकास कार्य तो हुए, लेकिन रिक्त पदों की समस्या अभी भी हल नहीं हुई है। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को मेयो में रिक्त पदों पर पात्र उम्मीदवारों की नियुक्ति करने के आदेश दिए थे। इस मामले में एड. अनूप गिल्डा न्यायालय मित्र की भूमिका में हैं।
ज्ञात हो कि बांबे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य मेडिकल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को इसके पूर्व कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। कोर्ट और प्रशासकीय पचड़े में स्थायी डीन की नियुक्ति न होने से हास्पिटल के कई महत्वपूर्ण निर्णयों और कामकाज पर भी असर होता दिखाई दे रहा है। देखना है कि इस विषय को लेकर सही फैसला और उस पर अमल कब हो पाता है।
Created On :   14 Dec 2017 2:22 PM IST