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प्रसूता की मौत पर हंगामा, परिजन बिना बताए अस्पताल से गए शव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डागा अस्पताल में शनिवार सुबह जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली प्रसूता की मौत पर हंगामा खड़ा हो गया। उपचार में देरी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर के कॉरिडोर तक पहुंच गए। अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता का शव पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के सुपुर्द किया, तो परिजन बिना बताए ही शव घर ले गए, लेकिन बाद में पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शाम 5 बजे सौंप दिया।
महिला को करीब 7 माह का गर्भ
जानकारी के अनुसार शांति नगर निवासी एक 26 वर्षीय महिला को करीब 7 माह का गर्भ था। शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात प्रसव पीड़ा के बाद रात करीब 1:30 बजे प्रसूता को डागा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां तड़के 3 बजे महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया और उसके दो घंटे के बाद यानी सुबह 5 बजे दूसरे बच्चे को जन्म दिया। जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद डॉक्टर प्लासेंटा बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन की तैयारी करने लगे। उपचार की तैयारियों के साथ ही महिला को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया, लेकिन वहां हृदयघात होने से महिला की मृत्यु हो गई।
परिजनों का हंगामा
मौत की खबर फैलते ही परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और इस हंगामे के बीच कुछ हंगामा करने वाले लोग ऑपरेशन थियेटर के कॉरिडोर में घुस गए। घटना के बाद शहर कांग्रेस कमेटी के सचिव इरशाद अली के नेतृत्व में अस्पताल अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया गया। अधीक्षक द्वारा समझाने के बाद हंगामा शांत हो गया। पश्चात डॉक्टरों ने मृतका का शव पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को दे दिया, लेकिन परिजन शव शांतिनगर स्थित अपने घर ले गए। बाद में पुलिस और डॉक्टरों के समझाने पर परिजनों ने पुलिस को शव सौंप दिया। परिजनों का आरोप है कि उपचार में देरी के कारण मृत्यु हुई है।
ICU में दोनों प्री-मैच्योर नवजात
महिला को प्रसव पीड़ा होने पर डॉक्टरों ने प्रसव करवा दिया। सात माह की अवधि में ही दोनों नवजात (मेल) प्री-मैच्योर होने के कारण दोनों को अतिदक्षता विभाग (ICU) में रखा गया है।
Created On :   4 March 2018 3:50 PM IST