तेंदुए की मौत: हादसा या शिकार, छानबीन में जुटी टाइगर स्ट्राइक फोर्स

Death of Leopard: Accident or hunting, Tiger Strike Force engaged in investigation
तेंदुए की मौत: हादसा या शिकार, छानबीन में जुटी टाइगर स्ट्राइक फोर्स
जाँच दल ने घटनास्थल पर पहुँचकर करीब पाँच घंटे जाँच की और फॉरेंसिक साक्ष्य भी एकत्रित किए तेंदुए की मौत: हादसा या शिकार, छानबीन में जुटी टाइगर स्ट्राइक फोर्स


डिजिटल  जबलपुर। सिहोरा के हरगढ़ से लगे जंगल में हुई तेंदुए की मौत के पीछे िशकारियों का बड़ा गिरोह शामिल हो सकता है। घटनास्थल की जाँच और पकड़े गए संदेही से की गई पूछताछ में इस बात के प्रमाण मिले हैं। जिसकी वजह से वन िवभाग हर पहलू पर गंभीरता से जाँच कर रहा है। लिहाजा अब इस मामले की छानबीन टाइगर स्ट्राइक फोर्स को सौंप दी गई है। बुधवार को जाँच दल ने घटनास्थल पर पहुँचकर करीब पाँच घंटे जाँच की और फॉरेंसिक साक्ष्य भी एकत्रित किए।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार की सुबह हरगढ़ के जंगल में एक सात वर्षीय वयस्क तेंदुए का शव झाडिय़ों से ढका हुआ िमला था। खाल से बाल झड़ रहे थे और मुंह से झाग िनकल रहा था। तेंदुए के शव के पास ही एक बीमार भैंस मृत पड़ी हुई थी, भैंस की त्वचा में कीटनाशक दवाई लगी होने की बात सामने आई थी। वेटरनरी वाइल्ड लाइफ सेंटर में हुए तेंदुए के पीएम में भी उसकी मौत जहर के सेवन से होने की पुष्टि हुई थी। लिहाजा ऐसा माना जा रहा था िक तेंदुए ने भैंस का िशकार किया होगा, िजसके कारण उसके शरीर में जहर पहुँचा था। वन िवभाग की टीम ने खोजी कुत्तों की मदद से जंगल में भैंस पहुँचाने वाले एक संदेही को हिरासत में लिया था।
इसलिए शिकार की आशंका-
सूत्रों के अनुसार पकड़े गए संदेही ने भैंस को गंभीर बीमारी से ग्रसित होने की बात कही थी। उसने ये भी हवाला दिया था िक भैंस की बीमारी जानवरों में फैलती है, इसलिए उसे दवाई लगाकर जंगल में छोड़ दिया गया था, लेकिन घटनास्थल पर तेंदुए का शव झाडिय़ों से ढका हुआ िमलने पर वन विभाग के अधिकारियों को शिकार की आशंका हुई। िजसको लेकर कई और लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि कुछ िदन से पाँच-छह युवक हरगढ़ के जंगलों में घूम रहे थे। ये बात भी सामने आई कि तेंदुए का िशकार करने के लिए भैंस के शरीर मेें दवा के साथ जहर छोड़ा गया था। तेंदुए की मौत के बाद उसकी खाल और अंगों की तस्करी की जाने वाली थी, लेकिन कुछ ग्रामीणों की नजर पड़ गई इसलिए शव को झाडिय़ों के पीछे छिपा दिया गया था।
एक महीने में दूसरे तेंदुए की मौत
सिहोरा वन रेंज में एक महीने के भीतर दूसरे तेंदुए की संदिग्ध मौत हुई है। ग्रामीणों का आरोप है िक िसहोरा रेंज के जंगलों में वन िवभाग की कोई भी टीम या अधिकारी पेट्रोलिंग या गश्त नहीं करते हैं। सरकारी कागजों में गश्त की टाइमिंग डालकर औपचारिकता कर ली जाती है। जिसकी वजह से आए िदन वन्य प्राणियों के खुलेआम िशकार होते हैं। पूर्व में हुई तेंदुए की मौत को कटनी जिले की सीमा में होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया था।
इनका कहना है-
हरगढ़ में मृत मिले तेंदुए के मामले में वन िवभाग की टीम के साथ टाइगर स्ट्राइक फोर्स भी जाँच कर रही है। मामला संदिग्ध है, लिहाजा हर पहलू पर िवशेष िनगरानी रखी जा रही है।
-पीके श्रीवास्तव, एसडीओ जबलपुर

 

Created On :   3 Nov 2021 5:15 PM GMT

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